राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर आजादी के बाद भी सरदार पटेल को भुलाया नहीं जा सकता : राजेंद्र प्रसाद
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के गुरगांव स्थित पटेल चौक पर मंगलवार को करीब आधा सैकड़ा लोगों ने एकत्र होकर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

ब्रजेंद्र तिवारी, पुखरायां। भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के गुरगांव स्थित पटेल चौक पर मंगलवार को करीब आधा सैकड़ा लोगों ने एकत्र होकर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर उनके जीवन चरित्र पर भी प्रकाश डाला गया।मंगलवार को तहसील क्षेत्र के गुरगांव स्थित पटेल चौक पर करीब आधा सैकड़ा लोगों ने एकत्र होकर लौह पुरुष भारतरत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद कर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर पटेल जागरण मंच के अध्यक्ष पूर्व शिक्षक राजेंद्र प्रसाद ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर आजादी के बाद भी सरदार पटेल को भुलाया नहीं जा सकता।जब 1947 में भारत आजाद हुआ तब देश में 560 से ज्यादा छोटी बड़ी रियासतें थीं।कुछ रियासतें भारत में शामिल होने के खिलाफ थीं।लेकिन सरदार पटेल ने अपनी शानदार नेतृत्व क्षमता से इन रियासतों को भारतीय संघ में मिलवाया और देश के और विभाजन को रोका।यही वजह है कि उन्हें भारत के भौगोलिक व राजनीतिक एकीकरण का श्रेय दिया जाता है और उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक सूर्यकांत मिश्रा ने किया।इस मौके पर मंडल अध्यक्ष जीतेंद्र सचान,पूर्व प्रधान संरक्षक प्रेम नारायन,समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष इंजीनियर राम अवतार,पटेल जागरण मंच अध्यक्ष शुभम पाल,संचालक अभनीत सचान,दीपू सचान,नीशू सचान,पूर्व प्रधानाचार्य चंद्रप्रकाश सचान,ओमेंद्र सचान,शेष नारायण तिवारी,शिक्षक प्रदीप सचान आदि लोग मौजूद रहे।
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