सुशील त्रिवेदी, लखनऊ : विगत दिनों राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र कुमार के नेतृत्व में संगठन ने डिजिटाइजेशन के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर शिक्षकों की प्रमुख जमीनी समस्याओं सहित शिक्षकों के आक्रोश से अवगत कराया जिसके क्रम में कल दिनांक 15 जुलाई 2024 को शासन के आमंत्रण पर महानिदेशक श्रीमती कंचन वर्मा से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 6 सदस्यीय प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर वर्तमान व्यवस्था के साथ डिजिटाइजेशन की दोषपूर्ण लागू प्रक्रिया की खामियों को बिन्दुवार वृहद स्तर से बताते हुए समस्याओं के निस्तारण एवं समाधान के सुझाव भी दिए।
मंगलवार को प्रातः प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र कुमार के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा मंत्री माननीय संदीप सिंह के आवास पर महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ चली बैठक में तय हुआ कि फिलहाल डिजिटाइजेशन की वर्तमान प्रक्रिया तत्काल स्थगित की जाती है और एक समिति बनाकर 2 माह में धरातली कमियों को दूर कर समस्याओं को निस्तारित किया जाएगा तथा शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाया जाएगा। उनके स्थानांतरण पर भी शीघ्र ही शासन निर्णय ले रहा है।
यह भी तय हुआ कि मान्य शिक्षक संगठनों से भी सुझाव लेकर समिति अपना प्रस्ताव शासन को भेजेगा माननीय मंत्री जी ने यह भी अवगत कराया कि आज 12 बजे सभी मान्य शिक्षक संगठनों की लोक भवन में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन श्री मनोज कुमार के साथ बैठक में अधिकृत रूप से संगठनों के प्रतिनिधियों को इससे अवगत कराया जायेगा। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पंवार मौजूद रहे।