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कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
आज का समाज विचारधाराओं में इस कदर विभाजित है कि हर बात, हर विचार और हर व्यक्ति को किसी न… Read More
नई दिल्ली/कानपुर देहात। आयकर विभाग ने सोमवार को आईटीआर दाखिल करने के आखिरी दिन रिटर्न भरने में लोगों को हुई… Read More
पुखरायां।कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र के वैना नहर तिराहे पर मिले एक युवक के शव के पोस्टमार्टम में चौंकाने… Read More
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कानपुर, अमन यात्रा। दिल्ली से जय नगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्पेशल ट्रेन की पेंट्री कार में मिले 1.40 करोड़ रुपयों की डिलीवरी कानपुर में ही होनी थी। बीती रात लावारिस मिले यह रुपये फिलहाल आरपीएफ के मालखाने में ही जमा हैैं। कर्मचारी किसी रेल अधिकारी का सामान समझकर 19 घंटे तक बैग को इस विभाग से उस विभाग भेजते रहे। बाद में शक होने पर बैग खोला गया।
बैग की सूचना सोमवार रात करीब दो बजे सबसे पहले कामर्शियल कंट्रोल रूम पर आई। फोन करने वाले ने खुद को मंडल का बड़ा अधिकारी बताते हुए कहा कि ट्रेन के पेंट्री कार में एक बैग है, उसे उतरवा लेना। ट्रेन प्लेटफार्म नंबर पांच पर रात 2:51 बजे पहुंची तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विजय शंकर ने बैग उतार लिया। इसके बाद रात 3.15 बजे दूसरा फोन कंट्रोल रूम नंबर पर आया।
फोन करने वाले ने बैग की डिलीवरी कैंट में कैंटीन साइड में खड़े व्यक्ति को देने के निर्देश दिए। बैग किसे देना है, उसका नाम पता नहीं बताया। इस पर कंट्रोल रूम से बिना परिचय बैग देने से इन्कार कर दिया गया। फिर फोन सहायक आयुक्त के कंट्रोल रूम पर आया। फोन करने वाले ने बैग मंगवाने की बात कही तो वहां से भी कर्मचारियों ने बैग मंगवा लिया। इस बीच शक होने पर रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी अधिकारियों की उपस्थिति में मंगलवार शाम सात बजे बैग खोला गया तो इतने रुपये देख सबके होश उड़ गए।