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कानपुर, अमन यात्रा । शैक्षिक संस्थानों में अभी भी रैगिंग की घटनाएं सामने आने के बाद कमिश्नरेट पुलिस सतर्क हो गई है। पुलिस ने रैगिंग फ्री शैक्षिक संस्थान बनाने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें तय किया जाएगा कि किसी भी छात्र का उत्पीड़न न हो। संस्थानों के परिसर व हास्टल का माहौल स्वस्थ हो। इस कार्ययोजना के तहत छात्रों को रैगिंग से रोकथाम, उपचार व सजा के प्रावधान के प्रति जागरुक करके इस पर रोक लगाई जाएगी।
पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि शैक्षिक संस्थानों को रैगिंग फ्री करने की दिशा में जो कार्ययोजना तैयार की गई है, उसकी टैग लाइन, रैग नहीं स्वैग होगी। रैग का मतलब रैंगिंग और स्वैग का मतलब स्वागत है। यानी शैक्षिक संस्थानों में ऐसा माहाैल तैयार करना, जिसमें सीनियर अपने जूनियरों की रैगिंग नहीं करेंगे बल्कि स्वागत करेंगे। सभी शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर कमिश्नरेट पुलिस द्वारा शिक्षा का ऐसा स्वस्थ माहौल बनाया जाएगा, जहां पर भय और उत्पीड़न न हो।
इस अभियान के 15 प्रमुख उद्देश्य
1-छात्रों में नए या पुराने हर छात्र के लिए सम्मान की भावना पैदा करना।
2-उन्हें ‘स्वागतकर्ता’ की अवधारणा से परिचित कराना अर्थात परिवार (संस्था) में नए छात्र का स्वागत करना और एक मार्गदर्शक और एक बड़े भाई या बहन बनकर उसे नयी जगह से परिचित कराना
3-नए सत्रों की शुरुआत में जूनियर्स की मदद करना । सीनियर्स द्वारा एक बैज या टी-शर्ट पहनकर नए छात्रों को कॉलेज के दौरे के लिए ले जाना ।
4-नये छात्रों के लिए हास्टल, पीजी आदि ढूंढने में उनकी मदद करना
5-उन्हें नाश्ता और चाय/कॉफी कराना
6-छात्र परामर्शदाता/संरक्षक की अवधारणा को बढ़ावा देना
7-रैगिंग को रोकने में मदद करने वाले विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालना। उन्हें आपातकालीन सेवा 112 और उसकी त्वरित प्रतिक्रिया के बारे में जागरूक करना
8-उन्हें आइपीसी और यूजीसी के विनियमों के विभिन्न प्रावधानों और उसमें निर्धारित दंडों से अवगत कराना
इस प्रकार होगा क्रियान्वयन
9-पुलिस आयुक्त द्वारा इंटरनेट मीडिया संदेश, गूगल विज्ञापन
10-प्रत्येक यूजी और पीजी कालेज में मिशन शक्ति के तहत इंटरैक्टिव सत्र आयोजित करना।
11-हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
12-सभी छात्रों द्वारा एक बड़े फ्लेक्स पर हस्ताक्षरित प्रतिज्ञा।
13-रेडियो स्टेशनों के साथ पुलिस आयुक्त और अन्य संबंधित अधिकारियों का साक्षात्कार।
14-सभी शिक्षण संस्थानों (छात्रावास, कैफेटेरिया, पार्किंग, आदि) के विभिन्न स्थानों पर पोस्टर में आपातकालीन नंबर 112 और मदद के लिए सोशल मीडिया हैंडल का उल्लेख।
15-दो पहिया पीआरवी द्वारा साप्ताहिक गश्त करके छात्रों के साथ मिल कर हाल चाल लेना।
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