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निंदा- चाणक्य के अनुसार निंदा करना सबसे बुरी आदतों में से एक है. निंदा को निंदा रस भी कहा गया है, क्योंकि जो एक बाद इस आदत को अपना लेता है तो उसे सहज इस आदत से छुटकारा नहीं मिलता है. उसे निंदा करना अच्छा लगने लग जाता है, उसे ज्ञात ही नहीं हो पाता है कि वो कितनी बुरी आदत से घिरता जा रहा है, बुराई करना और सुनना दोनों से ही बचना चाहिए. ये प्रगति में बाधक है. इन बुराईयों से दूर रहने वाले पर लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है.
कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र में भेवान गांव के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। यहां एक तेज… Read More
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में आईएएस अधिकारी मोनिका रानी को स्कूल शिक्षा का प्रभारी महानिदेशक नियुक्त किया… Read More
कानपुर नगर। मा० राज्यपाल महोदया की प्रेरणा से जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय बालिका गृहों… Read More
राजेश कटियार, कानपुर देहात। मंगलवार को समायोजन को लेकर एक मुकदमे की सुनवाई उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में हुई जिसमें… Read More
पुखरायां।भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के श्यामसुंदरपुर गांव में मंगलवार को एक युवती ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खा लिया।जिससे उसकी… Read More
पुखरायां (कानपुर देहात) l हॉली क्रॉस स्कूल में आज मंगलवार को हिंदी दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्कूल… Read More
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