लखनऊ,अमन यात्रा । प्रशासिनक लापरवाही और पुलिस की मिलीभगत से एक बार फिर सरकारी जमीन पर कब्जे का पूरा मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। इस बार कोई मंत्री नहीं अधिवक्ताओं का दल है जो सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता द्वारा कृष्णानगर में स्थापित लखनऊ पालीटेक्निक पर अपनी दावेदारी कर रहा है। प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री से लेकर नगर विकास मंत्री और प्राविधिक शिक्षा मंत्री तक से गुहार लगाकर सरकारी संस्थान को बचाने की अपील की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र में जमीन को बचाने की मांग की गई उधर संस्थान के प्रबंधक सुलक्ष्णा का कहना है कि जब कोई सरकार जमीन अधिग्रहित कर लेती है, वह सरकार की जिम्मेदारी होती है उस जमीन की सुरक्षा करें। जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक जमीन को बचाने को लेकर शिकायत की गई ,लेकिन प्रबंधन व प्रधानाचार्य की कोई सुनने वाला नहीं है। परिसर में जबरन नोटिस चस्पा कर पैमाइश कराने का दबाव बनाया जा रहा है ,जबकि हकीकत में अधिग्रहित जमीन का काफी हिस्सा कम है। ऐसे में सरकार पहले अधिगृहित की गई जमीन की पैमाइश कराए। 16 अक्टूबर को जिला प्रशासन के अधिकारी भू माफिया के दबाव में आकर एक बार फिर जबरन पैमाइश करा रहे हैं। जब सरकारी जमीन पर इस तरह कब्जा किया जाएगा तो आम आदमी का क्या हाल होगा।