लखनऊ, अमन यात्रा । सत्य, अहिंसा और सादगी के बल पर महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने में जो योगदान किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विकास के इस डिजिटल युग में भी महात्मा गांधी जी के विचार उतने ही प्रासंगिक है जितने उस समय हुआ करते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जुड़ाव हर शहर से रहा और हर जगह उन्होंने सामाजिक सरोकारों के साथ अहिंसात्मक रूप से स्वतंत्रता के आंदोलन को हवा दी। तहजीब के शहर से भी उनका बहुत गहरा नाता रहा है।

वर्ष 1916 से 1939 के बीच लखनऊ में वह कई बार आए और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ न केवल रणनीति बनाई बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण का संदेश देकर सामाजिक सरोकारों से भी आम लोगों को जोडऩे का प्रयास किया। चारबाग से लेकर चिनहट तक उनके आने के कई निशां वर्तमान समय में भी आने वाली पीढिय़ों को एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं। दो अक्टूबर को एक बार फिर हम उनकी जयंती मना रहे हैं। आइए आपको लखनऊ के उन स्थानों के बारे में बताते हैं, जहां महात्मा गांधी के आने न‍िशां आज भी हैं।