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बरौर पुलिस ने हत्या की घटना का किया खुलासा दो शातिरों को दबोचा

दिनांक 11.05.2022 को पीड़िता सुमइया ने अपने पति की जहर देकर हत्या कर देने के सम्बन्ध में अपने ही गांव के 04 नामजद के विरुद्ध आरोप लगाते हुये तहरीर दी तहरीर के आधार पर थाना बरौर में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया था।

अमन यात्रा, पुखरायां :  पुलिस अधीक्षक जनपद कानपुर देहात के मार्गदर्शन एंव अपर पुलिस अधीक्षक के  निर्देशन मे अपराध पर अंकुश लगाये जाने व अपराधियो की गिरफ्तारी हेतु क्षेत्राधिकारी डेरापुर के कुशल नेतृत्व में थाना बरौर पुलिस द्वारा हत्या के वांछित दो नफर अभियुक्तगण शाबान अहमद उम्र 45 वर्ष व मोहम्मद शाकिब उम्र 55 वर्ष निवासीगण ग्राम केशी थाना बरौर कानपुर देहात को दिनाँक25.11.2022 को थाना बरौरक्षेत्र केदेवीपुर बरौर मोड पर से गिरफ्तार किया गया है।

ज्ञात हो कि दिनांक 11.05.2022 को वादिनीश्रीमती सुमइया पत्नी ताजमीर निवासिनी ग्राम केशी थाना बरौर जनपद कानपुर देहात ने अपने पति की जहर देकर हत्या कर देने के सम्बन्ध में अपने ही गांव के 04 नामजद के विरुद्ध आरोप लगाते हुये तहरीर दी तहरीर के आधार पर थाना बरौर में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया था।

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घटना की गम्भीरता को देखते हुये घटना के अनावरण हेतु पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा टीमों का गठन करते हुए थानाध्यक्ष थाना बरौर को गिरफ्तारी के सम्बन्ध में निर्देशित किया था जिसके क्रम में पुलिस टीम के अथक प्रयासोपरांत घटना का सफल अनावरण करते हुये आज दिनांक 25.11.2022 को 02 नामजद अभियुक्तगण शाबान अहमद व मोहम्मद शाकिब उपरोक्त की संलिप्तता हत्या की घटना में पाये जाने पर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष नियमानुसार प्रस्तुत किया जायेगा।

शातिर शाकिब अहमद से पुछताछ के अंश –

अभियुक्त से बदरियाफ्त  पूछताछ करने पर जुर्म इकबाल करते हुये बताया कि साहब हम ग्राम केशी के मूल निवासी है मेरा खेत और घर भी केशी में है तथा मेरी ससुराल गिरसी में मेरे ससुर कोई लडका ना होने की वजह से उनकी देखरेख हेतु मै अपने परिवार सहित काफी समय से वही निवास कर रहा हूँ ग्राम केशी में खेती होने की वजह से लगातार आना जाना बना रहता है हमने अपना खेत ग्राम केशी के पुरवा के रामौतार राठौर को सूत में रख दिया था और उनसे एक लाख रुपये ले लिये था शर्त यह थी कि जबतक हम एक लाख रुपये वापस ना कर देंगे तबतक हमारा खेत रामौतार राठौर वापस नही करेंगें लेकिन दो साल बाद इस वर्ष हमनें खेत काजिम पुत्र तफ्जुल हुसैन को दे दिया औऱ रामौतार राठौर के एक लाख रुपये हमने वापस नही किये यह बात ताजमीर को पता चल गई वह गुण्डा किस्म का आदमी था उसने हमको कई बार धमकाया भी रामौतार राठौर के रुपये वापस कर दो इस बात से हम उसके ऊपर गुस्साये हुये थे फिर दिनांक 05.05.2022 को ताजमीर को हमें फोन करके धमकाया कि आज आ जाओ और रामौतार के पैसे वापस करो आकर इस पर मैं गिरसी से ग्राम केशी ताजमीर के घर आया फिर वहाँ से अपने बहनोई शाकिब को लिवाने चले गये शाकिब खेत में पानी लगाये हुये था उन्हे वहाँ से लेकर ताजमीर के घर आये हम एक जहर की पुडिया भी लेकर आये थे जो शाकिब को दे दी और फिर ताजमीर के घर आये तबतक रामौतार राठौर भी ताजमीर के घर आ गया काफी देर पंचायत होती रही फिर हम और शाकिब पेशाब करने के बहाने बबूल के पैडो की तरफ गये और योजना बनाई कि ताजमीर को जहर किसी ना किसी तरह खिलाना है यह बात  हम दोनो ने ठान ली आज चाहे जो कुछ हो जाये साला रोज रोज का झंझट ही खतम हो जाये जब देखो तब ताजमीर हमेशा हम लोगो को धमकाता रहता है और पूरे गाँव में गुण्डई करता है लोग उससे डरे सहमें रहते है फिर हम दोनो आकर रामौतार को रुपये देने वाली बात को टाल मटोल कर वहाँ से जाने दिया और ताजमीर के घर में बैठे रहै ताजमीर गाँजा पीता था और गाँजे के बहुत नशे में था फिर हमें ताजमीर ने कहा खाना खा लो तो हम लोग ताजमीर के घर में खाना खाने बैठे हमको व शाकिब को तथा ताजमीर को उसकी पत्नी ने अलग अलग खाना परोस कर दिया हम तीनो ही खाना खाने बैठे थे औऱ हम लोगो के पास कोई नही था ताजमीर की पत्नी अन्दर चूले में रोटी बना रही थी ताजमीर वहाँ से उठकर लोटा में पानी लेकर हाथ धोने चला गया तो हम दोनो ने सही मौका देखकर एक दूसरे की ओर इशारा करके शाकिब ने हमें हमारी दी हुई जहर की पुडिया को अपनी जेब से निकाल कर हमें दिया हमने ताजमीर की थाली में जहर मिला दिया और फिर ताजमीर आकर खाया औऱ हम दोनो ने भी अपनी अपनी थालियो से खाना खाया इसके बाद वहाँ से हम लोग खाना खाकर निकल आय़े और रात के ही हम दोनो गाँव से मौका देखकर भाग गये थे उसके बाद सूचना मिली कि ताजमीर की मृत्यु हो गई।

शातिर मोहम्मद शाकिब से पूछताछ के अंश –

अभियुक्त से बदरियाफ्तपूछताछ करने पर जुर्म इकबाल करते हुये बताया कि हम शाबान के बहनोई है और गाँव में ही रहते है शाबान ने अपना खेत सूत में रामौतार राठौर को एक लाख रुपये दिया था मेरे सामने शर्त यह तय हुई थी कि जबतक शाबान एक लाख रुपये रामौतार राठौर को वापस नही कर देंगे तब तक रामौतार राठौर खेत जोतते रहेंगे लेकिन शाबान ने अपना खेत काजिम को जुतवा दिया औऱ रामौतार राठौर को रुपये भी वापस नही किया यह बात हमारे गाँव के दंबग व गुण्डा किस्म के आदमी ताजमीर को पता चली उसने रामौतार राठौर से भी कई बार पूछा कि तुम्हारे रुपये शाबान ने वापस किये कि नही रामौतार राठौर ने ताजमीर से बताया कि अभी तक हमें एक भी रुपये वापसी में नही मिला तो ताजमीर ने हमें कई बार डराया धमकाया कि शाबान से रुपये वापस दिला दो नही तो अच्छा नही होगा हमें यह सब बाते मजबूरी में सुनना पडता था लेकिन गुस्सा बहुता आता था दिनांक 05.05.2022 को मैं खेत में पानी लगा रहा था शाबान हमारे पास आया और हमें जहर की पुडिया देते हुये कहा इसे रह लो आज ताजमीर का काम तमाम करना है हमने वह पुडिया अपनी जेब में डाल ली और कहा कि चलो रामौतार राठौर ताजमीर के घर आ रहा है पैसे देने की पंचायत होनी है शाबान और हम ताजमीर के घर आये तब तक रामौतार राठौर ताजमीर के घर आ गये थे काफी देर पंचायत चलती रही फिर हम दोनो पेशाब के बहाने बबुल के पेडो की तरफ गये और योजना बनाई कि ताजमीर को जहर किसी ना किसी तरह खिलाना है यह बात हम दोनो ने ठान ली आज चाहे जो कुछ हो जाये साला रोज रोज का झंझट ही खतम हो जाये जब देखो तब ताजमीर हमेशा हम लोगो को धमकाता रहता है और पूरे गाँव में गुण्डई करता है लोग उससे डरे सहमें रहते है फिर हम दोनो आकर बैठ गये शाबान नें रामौतार राठौर को टाल मटोल कर जाने दिया औऱ रूपये नही दिये उसके जाने के बाद ताजमीर हम और शाबान बैठ कर बाते करते रहे ताजमीर गाँजा पीता था वह बहुत अधिक नशे में दिख रहा था फिर हम लोगो से ताजमीर ने खाना खाने को कहा हम लोग ताजमीर के घर खाना खाने के लिये बैठ गये तीन थालियो में अलग अलग खाना आया ताजमीर की पत्नी अन्दर चूले में रोटी बना रही थी ताजमीर लोटा में पानी लेकर हाथ धोने चला गया तो हम दोनो ने सही मौका देखकर एक दूसरे की ओर इशारा करके हमने अपनी जेब से जहर की पुडिया निकाल कर शाबान को दे दिया शाबान ने ताजमीर के खाने जहर मिला दिया और फिर ताजमीर आकर खाया औऱ हम दोनो ने भी अपनी अपनी थालियो से खाना खाया इसके बाद वहाँ से हम लोग खाना खाकर निकल आय़े और रात के ही हम दोनो गाँव से मौका देखकर भाग गये थे उसके बाद पता चला कि ताजमीर की मृत्यु हो गई।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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