लगातार तीन बार अनुपस्थित रहे शिक्षामित्र या अनुदेशक तो होगी सेवा समाप्त

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लगातार गायब रहने वाले शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों पर सख्ती शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हर माह परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण कराया जा रहा है। विभाग ने लगातार अनुपस्थित पाए जाने वालों को शिक्षण कार्य में उदासीनता बरतने का दोषी पाते हुए 53 शिक्षामित्र व 29 अनुदेशकों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं

लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लगातार गायब रहने वाले शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों पर सख्ती शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हर माह परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण कराया जा रहा है। विभाग ने लगातार अनुपस्थित पाए जाने वालों को शिक्षण कार्य में उदासीनता बरतने का दोषी पाते हुए 53 शिक्षामित्र व 29 अनुदेशकों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। विभाग ने प्रेरणा निरीक्षण मॉड्यूल से जनवरी से मार्च के बीच अधिकारियों की ओर से किए गए स्थलीय निरीक्षण में पाया है कि 37 जिलों से 101 शिक्षक, शिक्षामित्र, अंशकालिक अनुदेशक व अनुचार तीन-तीन बार लगातार अनुपस्थित पाए गए हैं। इन्हें चेतावनी नोटिस जारी करने के बाद अब कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने संबंधित जिलाधिकारियों को इनकी सूची भेजते हुए कहा है कि शिक्षामित्र व अनुदेशक संविदा पर कार्यरत हैं। इनकी संविदा 31 मई को खुद समाप्त हो जाती है।

इस क्रम में लगातार अनुपस्थित पाए गए शिक्षामित्र व अनुदेशकों से नवीनीकरण से पहले स्पष्टीकरण प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें। जानकारी के अनुसार अगर शिक्षामित्र व अनुदेशक का शिक्षण कार्य व आचरण संतोषजनक नहीं है तो ग्राम शिक्षा समिति बीएसए को रिपोर्ट देंगी। बीएसए ऐसे प्रस्तावों पर पांच जून तक आवश्यक कार्यवाही कर डीएम को देंगे। डीएम इस रिपोर्ट के अनुसार नए सत्र में इनका नवीनीकरण नहीं करेंगे और उनकी सेवा समाप्ति करेंगे। अभी तक कई शिक्षामित्र एवं अनुदेशक जब मर्जी होती थी तब विद्यालय जाते थे और जब मर्जी होती थी तब नहीं जाते थे उनका मानना था कि विभाग हम पर क्या कार्यवाही करेगा बहुत ज्यादा होगा तो हमारा उसे दिन का मानदेय काट लेगा इस अवधारणा पर रोक लगाने के लिए महानिदेशक ने ऐसे शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए हैं।

इन जिलों के हैं सबसे अधिक मामले-
अमेठी, अयोध्या, बांदा, बरेली, भदोही, बिजनौर, बदायूं, बुलन्दशहर, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फतेहपुर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोण्डा, हापुड़, हरदोई, झांसी, कौशाम्बी, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, लखनऊ, महाराजगंज, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, रायबरेली, सम्भल, शाहजहांपुर, शामली, सुल्तानपुर, उन्नाव एवं वाराणसी।

Author: anas quraishi

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