वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या? जिस पथ में बिखरे सूल न हो, नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराऐ प्रतिकूल न हो
किसी शासक व प्रशासक की कुशलता का मूल्यांकन उस समय लगाया जाता है जब परिस्थितियां प्रतिकूल होती है, तभी शासक का कौशल, नेतृत्व क्षमता इत्यादि का पता चलता हैं
कानपुर देहात,अमन यात्रा। किसी शासक व प्रशासक की कुशलता का मूल्यांकन उस समय लगाया जाता है जब परिस्थितियां प्रतिकूल होती है, तभी शासक का कौशल, नेतृत्व क्षमता इत्यादि का पता चलता हैं. इसी कुशलता व नेतृत्व का परिचय देते हुए हमारे मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देशन और जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में कोविड-19 महामारी के विपरीत समय में नागरिकों के जीवन को बचाया जा रहा है.
इसीक्रम में यह कहानी 39 वर्ष की पूनम और 55 वर्ष की उनकी मां राधा की है जो कोविड-19 से ग्रसित हो गयी थी यह नबीपुर, कानपुर देहात की रहने वाली है, उनके दोनो रिपोर्ट एन्टीजेन व आरटीपीसीआर पाॅजिटिव पाये गये, इस संकट की घड़ी में उन्होंने जिला अस्पताल के डाक्टर एपी वर्मा को फोन किया और उन्हीं की सलाह पर उन्होंने होम आइसोलेशन में रहकर कोविड-19 की लड़ाई लड़ी, इन्होंने बताया कि डा0 वर्मा सुबह से शाम तक लगातार हमारे सम्पर्क में रहे हमें जिला अस्पताल से दवा इत्यादि की प्राप्ति भी लगतार होती रही.
जिलाधिकारी द्वारा बनाये गये कोविड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर से भी लगातार हमारे पास फोन आते रहे और हमारे स्वास्थ्य का हालचाल लगातार लेते रहे, उनके इस सहयोग का ही परिणाम रहा कि हम मां, बेटी, दोनो ही आज कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके है, और एक स्वस्थ्य जीवन बिता रहे है, इसके लिए हम मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह का कोटि-कोटि धन्यवाद अदा करते है।