वार्षिक स्थानांतरण नीति से शिक्षकों का भी हो तबादला
बेसिक स्कूलों में शिक्षक शिक्षण कार्य के साथ ही दिए गए हर दायित्व का पूरे मनोयोग और जिम्मेदारी से निर्वहन कर रहा है। विगत सरकारों की अदूरदर्शी नीत के तहत अनावश्यक रूप से दूर-दूर के जनपदों के शिक्षकों को दूरस्थ जनपदों में नियुक्ति किया गया। शिक्षक लगातार अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग करते रहे हैं कई बार स्थानांतरण हुए भी तत्कालीन अधिकारियों द्वारा मनमाने एवं पारदर्शी ढंग से बनाए गए नियम के कारण लंबे समय से कार्यरत शिक्षक स्थानांतरण से हर बार वंचित रहते गए

कानपुर देहात। बेसिक स्कूलों में शिक्षक शिक्षण कार्य के साथ ही दिए गए हर दायित्व का पूरे मनोयोग और जिम्मेदारी से निर्वहन कर रहा है। विगत सरकारों की अदूरदर्शी नीत के तहत अनावश्यक रूप से दूर-दूर के जनपदों के शिक्षकों को दूरस्थ जनपदों में नियुक्ति किया गया। शिक्षक लगातार अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग करते रहे हैं कई बार स्थानांतरण हुए भी तत्कालीन अधिकारियों द्वारा मनमाने एवं पारदर्शी ढंग से बनाए गए नियम के कारण लंबे समय से कार्यरत शिक्षक स्थानांतरण से हर बार वंचित रहते गए। ऐसे में वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत परिषदीय शिक्षकों का भी तबादला किया जाना उचित एवं न्याय संगत है। ये बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश संयुक्त मंत्री व जिलाध्यक्ष आदित्य कुमार शुक्ल ने कहीं। उन्होंने कहा कि परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए भी एक पारदर्शी नियमित वार्षिक स्थानांतरण नीति जिसमें वरिष्ट अध्यापक को वरीयता हो। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिक्षकों को भी स्थानांतरण नीति में शामिल करते हुए उनका भी अंतरजनपदीय स्थानांतरण करने की मांग की है।
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