विद्यालयों का डाटा होगा ऑनलाइन, बच्चों को मिलेगी पहचान संख्या
परिषदीय एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का अब एक पर्सनल एजुकेशन नंबर जारी किया जाएगा। इस पर्सनल एजुकेशन नंबर से बच्चे का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा। इसके अलावा इस नंबर के आधार पर ही बच्चे को सरकारी सुविधा मिल सकेगी। यह नंबर विद्यालय के यू डायस कोड के माध्यम से मिलेगा। अब अपने बच्चे का प्रवेश कराने से पहले स्कूल के यू डायस नंबर की जानकारी कर लें
कानपुर देहात। परिषदीय एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का अब एक पर्सनल एजुकेशन नंबर जारी किया जाएगा। इस पर्सनल एजुकेशन नंबर से बच्चे का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा। इसके अलावा इस नंबर के आधार पर ही बच्चे को सरकारी सुविधा मिल सकेगी। यह नंबर विद्यालय के यू डायस कोड के माध्यम से मिलेगा। अब अपने बच्चे का प्रवेश कराने से पहले स्कूल के यू डायस नंबर की जानकारी कर लें। उसके बाद ही किसी भी विद्यालय में प्रवेश कराएं। इसकी अनदेखी न करें। यदि ऐसा किया तो आपके बच्चे का भविष्य बर्बाद हो सकता है। इसके पहले सभी बच्चों का रिकॉर्ड अभी तक रजिस्टरों में रखा जाता था लेकिन अब कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूलों का ब्यौरा यू-डायस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन होगा। जो बच्चा जिस स्कूल में दाखिला लेगा उसी स्कूल से उसको पर्सनल एजुकेशन नंबर दिया जाएगा।
उसी नंबर के आधार पर उसको दूसरे स्कूल में दाखिला मिलेगा अन्यथा पर्सनल एजुकेशन नंबर नहीं मिलने पर बच्चे का दाखिला फर्जी माना जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि यू डायस नंबर भारत सरकार द्वारा जिले में सरकारी स्कूल और मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को दिया जाता है। अब दाखिला कराते समय बच्चों को विद्यालय द्वारा परमानेंट एनरॉलमेंट नंबर (पेन) दिया जाएगा। बच्चा अगर किसी दूसरे स्कूल में भी ट्रांसफर होता है तो इस पेन नंबर के जरिए बच्चे की पूरी डिटेल देश में कहीं भी शिफ्ट हो जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि अविभावकों को अपने बच्चों के लिए उचित स्कूल का चयन करने में कठिनाई न हो। इस पोर्टल को मुख्य रूप से स्कूलों के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया है। इसके साथ ही इस नंबर के जरिए माता-पिता पोर्टल का उपयोग करके अपने बच्चों के डेटा को बहुत आसानी से ट्रैक कर सकेंगे।