कानपुर देहात

विद्यालय समय अवधि में अब नहीं कर सकेंगे मीटिंग का आयोजन

परिषदीय स्कूलों में होने वाली रोज-रोज की बैठकों ने शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है। आए दिन गुरुजी कहीं इस विद्यालय कहीं उस विद्यालय कहीं बीआरसी में मीटिंग ही करते रहते हैं।

कानपुर देहात- परिषदीय स्कूलों में होने वाली रोज-रोज की बैठकों ने शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है। आए दिन गुरुजी कहीं इस विद्यालय कहीं उस विद्यालय कहीं बीआरसी में मीटिंग ही करते रहते हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए वह समय ही नहीं निकाल पाते हैं। कई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के मीटिंग में जाने के बाद कहीं एक शिक्षक तो कहीं एक शिक्षामित्र ही बचता है। ऐसी स्थिति में अंदाजा लगाया जा सकता है एक शिक्षक पांच कक्षाओं के बच्चों को किस तरीके से पढ़ा रहे होंगे। कई अभिभावकों द्वारा उच्च स्तर पर यह शिकायतें की गई कि शिक्षक हर समय बैठकों में ही व्यस्त बने रहते हैं हमारे बच्चों को पढ़ा नहीं रहे हैं। इसे देखते हुए महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए आदेशित किया है कि शिक्षक संकुल के सदस्य किसी भी परिस्थिति में विद्यालय अवधि में अन्य विद्यालय, बीआरसी या बीएसए कार्यालय नहीं जाएंगे। यदि ऐसी कोई शिकायत आई तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

निर्देशों के मुताबिक शिक्षक संकुल के सदस्य अपने स्कूल में रहते हुए संकुल के अन्य विद्यालय / शिक्षकों को अकादमिक सहयोग प्रदान करेंगे। वे संकुल, व्हाट्सएप, ऑनलाइन या फोन के माध्यम से दूसरे स्कूलों या शिक्षकों की मदद करेंगे। संकुलों की मासिक बैठक का आयोजन स्कूल के समय के बाद ही किया जाएगा, सभी अन्य बैठकें भी अनिवार्यत: शिक्षण अवधि के उपरांत ही आयोजित की जाएंगी। अगर कहीं पर भी शिक्षण अवधि में मीटिंग किए जाने की सूचना प्राप्त हुई तो शिक्षक संकुल के अलावा संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी पर भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इन मासिक बैठक में बेस्ट प्रैक्टिस, नवाचार, शैक्षिक वीडियो पर आधारित अकादमिक बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा। बैठक का एजेंडा, तिथि, समय व स्थान पहले से ही निर्धारित करते हुए शिक्षकों एवं एआरपी को सूचित करना होगा। मासिक बैठक की समय अवधि न्यूनतम 2 घंटे की होगी। सभी शिक्षक संकुलों द्वारा अलग-अलग तिथियों में मासिक बैठक का आयोजन किया जाएगा। मासिक बैठकों के कारण किसी भी विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। साथ ही मासिक बैठक की अद्यतन स्थिति डीसीएफ में अनिवार्य रूप से भरनी होगी। बैठक में एक ही शिक्षक द्वारा बार-बार प्रतिभाग नहीं किया जाएगा। शिक्षकों की प्रतिभागिता इस प्रकार सुनिश्चित की जाएगी कि प्रत्येक विद्यालय के समस्त शिक्षकों द्वारा रोटेशन के आधार पर शिक्षक संकुल बैठक में प्रतिभाग कर सकें। मासिक बैठक में विभिन्न विषयों की शिक्षण विद्या तथा प्रक्रिया को प्रभावी व रुचिकर बनाने संबंधित विषयों में शिक्षकों को आ रही चुनौतियों समस्याओं पर चर्चा करनी होगी एवं उनके निस्तारण एवं समाधान का प्रयास करना होगा। प्रत्येक शिक्षक संकुल को मार्च 2023 तक अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाना होगा।

Author: aman yatra

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