वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कोविड-19, जल संरक्षण, पंचायत चुनाव, गेंहू क्रय की हुई समीक्षा, दिये निर्देश
मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में लखनऊ से वीडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य विकास अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की गयी।
कानपुर देहात,अमन यात्रा। मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में लखनऊ से वीडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य विकास अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की गयी। इसी क्रम में माती कलेक्ट्रेट एनआईसी में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी, मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व साहब लाल, अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया, सीएमओ डा0 राजेश कटियार, डिप्टी एमआरओ शिशिर कुमार, जिला सूचना अधिकारी नरेन्द्र मोहन आदि उपस्थित रहे। बैठक में कोविड नियंत्रण की समीक्षा, पंचायत चुनाव की तैयारी की समीक्षा, गेंहू खरीद की समीक्षा, कैंश द रैन की समीक्षा की गयी।
इस सम्पूर्ण समीक्षा बैठक में पंचायत चुनाव को शान्ति पूर्ण ढंग से कैसे सम्पन्न किया जाये इस बात पर विस्तृत चर्चा की गयी साथ ही कोविड-19 के वातावरण में कैसे नागरिकों को सुरक्षित रखा जाये इस पर भी एक विस्तृत चर्चा की गयी। पंचायत चुनाव को शान्ति पूर्ण कराने के लिए समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि बड़े अपराधियों और हिस्ट्री सीटरों पर कार्यवाही की जाये, पेट्रोलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाये, लाइसेंसिंग शस्त्रों को जमा कराया जाये ताकि किसी भी प्रकार के विवाद से निपटा जा सके। कोविड-19 को देखते हुए जन सभाएं न होने पाये इस बात पर अधिकारी विशेष सर्तकता बरते।
वहीं उन्होंने गेंहू क्रय केन्द्र की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी क्रय केन्द्र 1 अप्रैल 2021 से खुल जायेंगे, किसानां का पंजीयन समय से कराया जाये, क्रय केन्द्रों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्त की जाये साथ ही इन स्थानों पर कोविड-19 के मद्देनजर समस्त व्यवस्था की जाये। विचौलिये किसानों का शोषण न कर पाये इस बात पर अधिकारी विशेष ध्यान दे। इसी समीक्षा बैठक में जल संरक्षण में भी विस्तृत चर्चा की गयी। इसमें वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल संरक्षण अपनाने पर विशेष बल दिया गया। नदियों, कुओं, तालाबों, पोखरों को संरक्षित करने की बात कही गयी ताकि मा0 प्रधानमंत्री की इस महत्वपूर्ण योजना कैश द रैन को साकार किया जा सके और जल संकट का निवारण भी किया जा सके।