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सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा विद्यार्थियों में निहित क्षमताओं को पहचान कर उनको आगे बढ़ाना चाहिए : अरविन्द कुमार द्विवेदी

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अकबरपुर महाविद्यालय में विद्यार्थियों की सर्जनात्मक क्षमताओं के विकास हेतु वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम अभिव्यक्ति 2022 का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के विभिन्न संकायों में अध्ययनरत छात्र- छात्राओं ने मोहक प्रस्तुतियां दीं।

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  • अकबरपुर महाविद्यालय में अभिव्यक्ति 2022 का भव्यतम आयोजन 

अमन यात्रा, अकबरपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अकबरपुर महाविद्यालय में विद्यार्थियों की सर्जनात्मक क्षमताओं के विकास हेतु वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम अभिव्यक्ति 2022 का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के विभिन्न संकायों में अध्ययनरत छात्र- छात्राओं ने मोहक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक अरविंद कुमार द्विवेदी, अकबरपुर महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ. नरेंद्र द्विवेदी, अध्यक्ष पं. रमाकांत मिश्र, मंत्री अनिल शुक्ला एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 ए.सी. पाण्डेय ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।

महाविद्यालय के प्रोफेसर रामकृष्ण चतुर्वेदी द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का आरंभ करते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक नरेंद्र द्विवेदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि यह बच्चों का कार्यक्रम है। इसमें विद्यार्थियों को अलग-अलग विधाओं में प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। उन्होंने रक्त दर्पण नाटक का उदाहरण देते हुए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न सेनानियों के योगदान का उल्लेख किया तथा कहा कि इस समय हम स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। विद्यार्थियों को अपनी प्रस्तुतियों द्वारा उनके बलिदानों का जीवंत प्रदर्शन कर लोगों को परिचित कराना चाहिए। इसी संदर्भ में नई शिक्षा नीति का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 सर्वांगीण विकास पर बल दिया गया है, इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को जानने का अवसर देता है तथा नई शिक्षा नीति से आगे बढ़ाने में सहायता करेगी तथा कौशल संवर्धन द्वारा रोजगार के द्वार खोलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समझने में अभी लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है परंतु अगले 3 वर्षों में इसके सुखदाई परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। हमें अपने जीवन में कार्य करने की संस्कृति सीखनी चाहिए तथा शिक्षा को व्यवसाय से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरविंद कुमार द्विवेदी ने कहा कि विद्यार्थियों में अनेकों प्रतिभाएं छुपी होती है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा विद्यार्थियों में निहित क्षमताओं को पहचान कर उनको आगे बढ़ाना चाहिए। गैर शैक्षणिक क्रियाकलापों के द्वारा भी लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में विश्व स्तरीय पहचान प्राप्त की है।

 

प्रबंध समिति के मंत्री अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा अनेकों मोहक प्रस्तुतियां दी गई हैं। आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने का इससे अच्छा और कोई तरीका नहीं हो सकता है। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आए हैं भजन के साथ ही विद्यार्थियों ने मोहक प्रस्तुति दी जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एसी पांडेय ने बांसुरी के सुर प्रदान किए।

तत्पश्चात विद्यार्थियों ने संस्कृत में गीत प्रस्तुत किया एवं दस विद्यार्थी समूह ने बिना किसी संगीत के अपनी अपनी आवाज में देश-भक्ति गीतों को प्रस्तुत किया। आजादी के अमृत महोत्सव को मनाते हुए विद्यार्थियों द्वारा सरदार भगत सिंह के जीवन पर नाटिका प्रस्तुत की। राजस्थानी लोक नृत्य, एकता गीत, महाभारत प्रसंग, गरवा नृत्य, शिव तांडव एवं विभिन्न फिल्मी गानों पर मोहक प्रस्तुतियों ने सभी को आकर्षित किया।

कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में कार्यक्रम अध्यक्ष पं. रमाकांत मिश्र अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय एवं उल्लेखनीय रहा। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक के क्रियाकलापों की सराहना करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित हेतु उनका आभार व्यक्त किया तथा प्राचार्य जी के बांसुरी वादन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इमारतें बन जाने से कोई महाविद्यालय अच्छा नहीं होता, उसके प्राचार्य व शिक्षकों की मेहनत एवं प्रयास से महाविद्यालय अच्छा बनता है। शिक्षकों एवं प्राचार्य के प्रयास से महाविद्यालय गुणवत्ता की परंपराओं को कायम रखे है। यह कार्यक्रम अमृत महोत्सव का एक अभूतपूर्व प्रदर्शन है जिसमें शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की अत्यंत सुनियोजित तैयारी है।

विद्यार्थी अपने प्रदर्शन में भारतीयता को नहीं भूले जो इस कार्यक्रम का एक उल्लेखनीय बिंदु है। उन्होंने धर्म और शिक्षा के विषय में उल्लेख करते हुए कहा कि धर्म मानवीय मूल्यों को बढ़ाता है जबकि शिक्षा विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करती है। विद्यार्थियों के प्रस्तुतीकरण में यह दोनों ही चीजें देखने को मिलीं हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एसी पांडेय ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया तथा समस्त प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह इसी प्रकार लगन से जीवन के हर क्षेत्र में प्रयास करें एवं उचित प्रयासों के माध्यम से उत्तरोत्तर उन्नति करें।कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्राचार्य प्रोफेसर एसी पांडेय, प्रोफेसर आरके चतुर्वेदी, कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रक्षा गुप्ता, डॉ. रुचि दीक्षित, डॉ. मंजू अग्निहोत्री, डॉ. रश्मि पांडेय, डॉ. अर्चना द्विवेदी, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. अंजू शुक्ला, डॉ. रविंद्र चतुर्वेदी, डॉ. अभिनव सिंह, डॉ. देवदत्त शुक्ला, डॉ. सीमा द्विवेदी, अनुराधा सिंह, सोनी कुशवाहा, मनोज सोनकर, डॉ. सीता त्रिपाठी, डॉ. राम मनोहर मिश्रा, रत्नेश कुमार, अंकुर सिंह, कमल किशोर पाठक, अशोक बाजपाई, मुकुल दुबे, नीरज अवस्थी, शांति देवी, सुनील कुमार, पवन कुमार, संतोष कुमार, ईश्वर चंद्र, अरविंद कुमार दीक्षित उर्फ भोले, नरेंद्र सिंह, रामाकांत, अखिलेश दीक्षित, लक्ष्मीकांत त्रिवेदी आदि का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम संयोजन में अनुज नायक की अहम भूमिका रही।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. उमेश चंद्र तिवारी ने किया जबकि महाविद्यालय के विद्यार्थी सहस यादव व संजना मिश्रा द्वारा कार्यक्रम संचालन में सहयोग प्रदान किया गया।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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