कविता
शराब की लत
शराब की लत चंदा इकट्ठा करके लाया गया कफन एक शराबी को ऐसे किया गया दफन। पी गया पूरे जीवन की कमाई..
शराब की लत
चंदा इकट्ठा करके लाया गया कफन
एक शराबी को ऐसे किया गया दफन।
पी गया पूरे जीवन की कमाई
जो भी कमाया उसी के काम आई।
शराब से इतनी उसने लगाई थी लगन
एक शराबी को ऐसे किया गया दफन।
चंदा इकट्ठा करके—–
शराब को अपनी महबूबा मान बैठा था
कम अक्ल का था ये क्या मान बैठा था।
उजाड़ बैठा अपने ही जीवन का चमन
एक शराबी को ऐसे किया गया दफन।
चंदा इकट्ठा करके——
कोई और भी तो शौक पाल सकता था
गीत संगीत से अपने दिन निकाल सकता था।
समझाते तो होंगे उसे उसके भाई बहन
एक शराबी को ऐसे किया गया दफन।
चंदा इकट्ठा करके—-
लगा बैठा था शराब की ऐसी लत
ऐसी लत तो थी बहुत गलत।
बर्बाद हुई जिंदगी खुद का किया पतन
एक शराबी को ऐसे किया गया दफन।
चंदा इकट्ठा करके लाया गया कफन।
लेखक अनिल कुमार दोहरे