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कानपुर,अमन यात्रा : अर्मापुरपीजी कॉलेज कानपुर के प्राचार्य प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग , संस्कृति भारत सरकार ,नई दिल्ली द्वारा सर्वेक्षण एवं उत्खनन वर्ष 2021-2022 के अंतर्गत प्रोजेक्ट “शहडोल जिला (मध्यप्रदेश) का पुरातात्विक सर्वेक्षण ” को स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसकी सूचना प्राचार्य, प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह को पत्र के माध्यम से भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण( ASI) के निदेशक द्वारा दी गई। जिसमें प्रोजेक्ट का निदेशक आर्मापुर पीजी कालेज के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार सिंह को नामित किया गया है।
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डॉ सुनील सिंह का पुरातत्त्व के क्षेत्र में लगभग 12 वर्षों से अनुभव रहा है। डॉ सुनील सिंह के अनुसार पुरातत्त्व में उनकों यह अनुभव उनके शोध निदेशक प्रोफेसर रवींद्र नाथ सिंह , प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय और उनकी टीम के द्वारा देश-विदेश के विख्यात विश्वविद्यालयो के संयुक्त तत्वावधान में किये गये पुरातात्विक उत्खननों और सर्वेक्षणों से प्राप्त अनुभवों से प्राप्त हुआ। प्राचार्य प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि अर्मापुर पी जी कॉलेज को इसके पूर्व भी डॉ सुनील सिंह के निदेशक में सीधी जिले का पुरातात्विक सर्वेक्षण का कार्य दिया जा चुका है। अतः यह दूसरी बार है जब डॉ सिंह को यह प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है। अर्मापुर पी जी कॉलेज के इतिहास में एक बार पुनः गौरवशाली अध्याय जुड़ने जैसा है। उन्होंने ने बताया कि यह देश के किसी भी महाविद्यालय को प्राप्त होने वाला अत्यंत ही महत्वपूर्ण एवं सौभाग्य की बात है जिसने महाविद्यालय के साथ -साथ कानपुर विश्वविद्यालय (छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय) के लिये भी एक बार पुनः गौरवशाली अध्याय बन गया है जिसको भारतीय संस्कृति के गौरवशाली इतिहास के खोजने में अपना नाम शामिल करा लिया है।
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प्राचार्य महोदय ने इसके लिए अपने महाविद्यालय के आयुध निर्माणी (OFC) प्रबंधतंत्र के महानिदेशक एवं सचिव महोदय के साथ -साथ महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सहयोग और मेहनत को उत्तरदायी मानते हुए सभी का आभार व्यक्त किया है। अंत में उन्होंने ने कानपुर विश्वविद्यालय के संरक्षक/अभिभावक माननीय कुलपति महोदय को विशेष आभार व्यक्त किया है कि उनके द्वारा खुले मंच से शिक्षकों के साथ संवाद में नवीन शोधों और नवीन विचारों के माध्यम से कानपुर विश्वविद्यालय को शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में अग्रणीय स्थान दिलाने के लिये जो आह्वान किया था उसी के प्रतिफल के रूप में यह गौरव प्राप्त हुआ है।
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