परिषदीय कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए लिपिक कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
परिषदीय कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण न किए जाने से नाराज उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

- कर्मचारियों की समस्याओं का निदान न होने पर लिपिकों ने हाथ में काली पट्टी बांध जताई नाराजगी
- कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में धरने की तैयारी
कानपुर देहात। परिषदीय कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण न किए जाने से नाराज उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी एसोसिएशन ने राज्य कर्मचारियों का दर्जा दिए जाने की मांग एक बार फिर जोर-शोर से उठानी शुरू कर दी है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष तपस कुमार मिश्रा ने 11 नवंबर 2022 को बेसिक शिक्षा महानिदेशक को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा था लेकिन इस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।
मांग पत्र में मुख्य रूप से राज्य कर्मचारियों का दर्जा देने एवं बीएसए कार्यालयों का कार्य विभाजन परिषदीय एवं राज्य कर्मचारियों में समान रूप से करने, सेवानिवृत्ति के बाद बचे हुए अर्जित अवकाशों के नगदीकरण की सुविधा देने, बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष को प्राथमिक शिक्षक संघ की तरह परिषद का पदेन सदस्य घोषित करने सहित कई अन्य मांगे रखी थीं लेकिन अभी तक इस संदर्भ में कोई भी शासनादेश जारी नहीं किया गया जिससे लिपिक खांसे नाराज हैं।
परिषद के कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष वरिष्ठ लिपिक रामकृपाल सिंह ने बताया कि संगठन के आह्वान पर 12 से 17 दिसंबर 2022 के बीच विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर हम लोगों द्वारा काम किया जा रहा है। 20 दिसंबर को मंडल के हर जिले के बीएसए कार्यालय और 30 दिसंबर को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) कार्यालय में क्रमिक अनशन करते हुए ज्ञापन देंगे। 1 जनवरी को सीएम को पोस्टकार्ड के माध्यम से अपनी मांगे पहुंचाएंगे। 15 जनवरी को बेसिक शिक्षा निदेशालय में धरना दिया जाएगा।
उन्होंने बताया जनपद के सभी बाबू क्रमश: दिनेश चंद्र बरिष्ठ लिपिक, प्रदीप सिंह, अभिषेक, रणवीर सिंह, अस्वनी दीक्षित प्रदीप त्रिवेदी, शैलेन्द्र, सुशील रमेश मिश्रा, रमेश सोनकर, सुरेश, ज्ञानरेन्द्र, हिमांशु, दीपक, विवेक शुक्ला, सुधांश, रामकृपाल सिंह, सत्यप्रकाश, सृष्टि सिंह आदि हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट करते हुए कार्य कर रहे हैं।
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