शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा स्वयं ही रहती हैं अग्रसर
जिले में दूसरे जिलों से आए 66 शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण करने के बाद समस्त अभिलेखों का वेरिफिकेशन करने के बाद पूर्व जनपद द्वारा जारी अंतिम वेतन प्रमाण पत्र के आधार पर वेतन दिया जाने लगा था लेकिन वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी के निर्देश के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा इन शिक्षकों के एरियर एवं बोनस भुगतान से संबंधित सूचना नहीं भेजी गई थी जिस कारण से इन 66 शिक्षक/शिक्षिकाओं के वेतन में वेतन वृद्धि नहीं लग सकी और न ही इनके बोनस का भुगतान हो सका।
- वेतन वृद्धि लगाए जाने हेतु शिवा त्रिपाठी ने खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगी अन्य जनपदों से आए 66 शिक्षकों की सूचना
कानपुर देहात। जिले में दूसरे जिलों से आए 66 शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण करने के बाद समस्त अभिलेखों का वेरिफिकेशन करने के बाद पूर्व जनपद द्वारा जारी अंतिम वेतन प्रमाण पत्र के आधार पर वेतन दिया जाने लगा था लेकिन वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी के निर्देश के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा इन शिक्षकों के एरियर एवं बोनस भुगतान से संबंधित सूचना नहीं भेजी गई थी जिस कारण से इन 66 शिक्षक/शिक्षिकाओं के वेतन में वेतन वृद्धि नहीं लग सकी और न ही इनके बोनस का भुगतान हो सका।
वित्त एवं लेखाधिकारी ने दूसरे जनपद से आए इन 66 शिक्षकों की परेशानियों को देखते हुए एक बार पुनः सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से आए शिक्षकों के वेतन में वेतन वृद्धि लगने एवं बोनस भुगतान से संबंधित आख्या 2 कार्य दिवसों में अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को प्रेषित करें जिससे इन शिक्षकों को अभिलंब बोनस प्रदान किया जाए तथा वेतन वृद्धि लगाई जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षक / शिक्षिकाओं की उनके पूर्व जनपद द्वारा जारी अंतिम वेतन प्रमाण पत्र में वेतन वृद्धि सहित मूल वेतन अंकित है, उनकी वेतन वृद्धि पहले से ही लगी होने की वजह से उनका नाम सूची में सम्मिलित न किया जाए।
उक्त सूचना 16 दिसंबर शाम 4 बजे तक अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को प्रेषित कर दिया जाए नहीं तो यह मान लिया जाएगा कि खंड शिक्षा अधिकारी को इस संदर्भ में कुछ भी नहीं कहना है। ऐसे में सभी शिक्षक / शिक्षिकाओं की सभी प्रविष्ठियां एवं सेवाएं संतोषजनक मानते हुए उन्हें वेतन वृद्धि एवं बोनस का लाभ दे दिया जाएगा। इसके लिए किसी भी खामी हेतु खंड शिक्षा अधिकारी की जवाबदेही होगी।