शिक्षकों के तबादले मजाक बनकर रह गए, स्थानांतरण के लिए दोबारा भेजा गया प्रस्ताव
परिषदीय शिक्षकों के तबादले के नाम पर मजाक चल रहा है। शिक्षकों के तबादले पहेली बनकर रह गए हैं। वर्तमान सत्र में अप्रैल से तबादलों का इंतजार हो रहा है। पहले जुलाई में शासन से आदेश हुआ फिर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने अक्तूबर में प्रस्ताव भेजकर शासन से निर्देश मांगे।

अमन यात्रा , कानपुर देहात : परिषदीय शिक्षकों के तबादले के नाम पर मजाक चल रहा है। शिक्षकों के तबादले पहेली बनकर रह गए हैं। वर्तमान सत्र में अप्रैल से तबादलों का इंतजार हो रहा है। पहले जुलाई में शासन से आदेश हुआ फिर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने अक्तूबर में प्रस्ताव भेजकर शासन से निर्देश मांगे। अब दिसंबर में फिर सत्र में दो बार गर्मी व सर्दी के अवकाश के दौरान तबादले का संशोधित प्रस्ताव भेजा गया है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि तबादले होंगे भी या नहीं ? उधर शिक्षक संगठनों ने जल्द तबादला प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
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शिक्षकों ने शासन से मांग की है कि इस संबंध में विस्तृत निर्देश जल्द जारी किए जाएं। शिक्षक संगठनों का यह भी कहना है कि नया प्रस्ताव स्वागत योग्य है लेकिन इस पर अमल करने में देरी न हो। शासन जल्द प्रक्रिया शुरू कराए। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि शासन को भेजे गए संशोधित प्रस्ताव पर सीएम की सहमति ली जाएगी। यदि उन्होंने हां की तो सर्दियों के अवकाश में ही प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यदि उच्च स्तर से प्रक्रिया को नए सत्र से शुरू करने के लिए कहा गया तो फिर प्रस्ताव पर अगले सत्र में अमल होगा।
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