शिक्षकों को निराशा, टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश किया। बजट में करदाताओं को निराशा हुई है। बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

राजेश कटियार, कानपुर देहात। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश किया। बजट में करदाताओं को निराशा हुई है। बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
वर्तमान टैक्स स्लैब के अनुसार 2.5 लाख रुपये से कम की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगता है। 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।सरकार ने बजट में कहा है कि वह टैक्स स्लैब में बदलाव करने पर विचार कर रही है। हालांकि इस बार किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। टैक्स स्लैब में बदलाव न होने से करदाताओं को निराशा हुई है।
वे लंबे समय से टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग कर रहे थे। वे चाहते थे कि टैक्स स्लैब को सरल बनाया जाए और कर दरों को कम किया जाए पर ऐसा नहीं हुआ। हर साल की तरह आम मध्यम वर्ग की नजर टैक्स स्लैब पर थी हालांकि सीतारमण ने उन्हें निराश किया। उन्होंने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। इसे यथावत रखा गया है। टैक्स स्लैब ऐसी व्यवस्था है जिसमें सरकार लोगों की आय को अलग-अलग श्रेणियों में बांटती है।
हर कैटेगरी पर अलग-अलग टैक्स रेट लागू होता है। इन्हीं श्रेणियों को टैक्स स्लैब कहा जाता है। भारत में टैक्स स्लैब की दो व्यवस्थाएं हैं। एक पुरानी व्यवस्था और दूसरी जो 2023-24 से लागू है। नई और पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था के बीच अंतर है। नई व्यवस्था में आय की सीमा पुरानी व्यवस्था की तुलना में ज्यादा है। हालांकि नई व्यवस्था का नुकसान यह है कि इसमें कटौतियों की संख्या पुरानी व्यवस्था की तुलना में कुछ कम है।
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