शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा पर चयन वेतनमान और 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर मिलेगा पदोन्नति वेतनमान का लाभ
परिषदीय स्कूलों के तमाम शिक्षक एक ही पद पर दस साल से सेवा दे रहे हैं। उन्हें चयन वेतनमान का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। कई शिक्षकों की दो साल से बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में फाइल अटकी हुई हैं। इसे लेकर शिक्षकों में असंतोष भी पनप रहा है।
अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों के तमाम शिक्षक एक ही पद पर दस साल से सेवा दे रहे हैं। उन्हें चयन वेतनमान का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। कई शिक्षकों की दो साल से बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में फाइल अटकी हुई हैं। इसे लेकर शिक्षकों में असंतोष भी पनप रहा है। शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा पर चयन वेतनमान और 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पदोन्नत वेतनमान का लाभ मिलता है। हालांकि यह लाभ संतोषजनक सेवाएं रहने पर ही मिलता है। बेसिक शिक्षकों को पदोन्नति न मिलने पर एक ही पद पर लगातार 10 वर्ष की सन्तोषजनक सेवाओं के बाद चयन वेतनमान देने का प्राविधान है। यदि पदोन्नति लेने से इन्कार कर दिया जाता है तो फिर चयन वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाता है।
प्रमोशन नहीं लेना ना केवल उनकी सर्विस बुक में दर्ज किया जाएगा बल्कि वेतनमान में भी अगली बढ़ोतरी नहीं होगी। यदि शिक्षक या स्टाफ को प्रमोशन दिया जाता है तो साथ ही स्थानांतरण भी किया जाता है। ऐसे में शिक्षक व स्टाफ स्थानांतरण होने के कारण, व्यक्तिगत कारणों व जल्द ही होने वाली सेवानिवृत्ति के कारण प्रमोशन लेने से इंकार कर देते हैं। यदि शिक्षक व स्टाफ प्रमोशन लेने से इंकार करते हैं तो इसकी जानकारी उनकी सर्विस बुक रिकॉर्ड व पर्सनल फाइल में दर्ज की जाती है।
ऐसे व्यक्ति को आर्थिक तौर पर भी नुकसान होता है क्योंकि जब तक प्रमोशन नहीं लिया जाएगा तब तक उसके वेतनमान में बढ़ोतरी नहीं की जाती है।