शिक्षक-छात्रों की रियल टाइम दर्ज होगी उपस्थिति

- 20 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू होगा काम
लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट वितरण के साथ ही विद्यालयों के नियमित कामकाज का डिजिटाइलेशन भी तेज हो गया है। इसी क्रम में 20 नवंबर से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सात जिलों में शिक्षक छात्रों की रियल टाइम उपस्थिति दर्ज होगी। शासन की ओर से बेसिक व कस्तूरबा विद्यालयों में 20 लाख से अधिक टैबलेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसी के साथ उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, स्टॉक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, आय-व्यय व चेक इश्यू पंजिका, बैठक पंजिका आदि का डिजिटाइजेशन भी कराया जा रहा है। यह काम लगभग आखिरी चरण में है।
इसी क्रम में अब शासन की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सात जिलों में इन पंजिकाओं व शिक्षकों छात्रों की उपस्थिति को रियल टाइम अपडेशन करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, हरदोई, उन्नाव, श्रावस्ती व लखीमपुर खीरी शामिल हैं। निर्देश दिए गए हैं कि डिजिटल उपस्थिति पंजिका में शिक्षक, कर्मचारी व छात्रों की उपस्थित प्रेरणा पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर से दर्ज कराएंगे।
क्या है जियो फेंसिंग-
स्कूलों की जियो फेंसिंग किए जाने से आनलाइन उपस्थिति विद्यालय परिसर में ही लगाई जा सकेगी। जियो फेंसिंग ऐसी तकनीक है जो भौगोलिक क्षेत्र के चारों ओर आभासी सीमा को परिभाषित करती है और इसकी निर्धारित सीमा में रहकर ही उपस्थिति का ब्यौरा दर्ज कराया जा सकता है। जियो फेंसिंग सैटेलाइट आधारित प्रणाली है, जिसमें एक विशेष क्षेत्र की जियो फेंसिंग यानी बाउंड्री बना दी जाती है। इस दायरे में जो भी डिवाइस आएगी, वह रिकॉर्ड में आ जाएगी। जियो फेंसिंग के भीतर आने पर ही मोबाइल का वह ऐप काम करेगा जोकि इससे संबंधित होता है।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.