कानपुर: जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शिवराजपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की भारी कमी है। ओपीडी में चार डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने के बावजूद केवल एक डॉक्टर ही उपस्थित पाया गया। तीन डॉक्टर और कई स्टाफ नर्सें अनुपस्थित पाई गईं।
यह और भी चौंकाने वाला था कि अनुपस्थित स्टाफ ने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किए थे। इस गंभीर लापरवाही पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अनुपस्थित डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों का वेतन रोका जाए और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’। इस सिद्धांत के अनुसार, जो कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित मरीजों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। उम्मीद है कि जिला प्रशासन संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और स्वास्थ्य केंद्र में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
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यह खबर आपके लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है। यह खबर आपको यह बताती है कि आपका प्रशासन आपके स्वास्थ्य के लिए क्या कर रहा है।
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