शुद्ध जल का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से मानसिक, शारीरिक थकान, तनाव से मिलती है मुक्ति : सीडीओ सौम्या
मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल गुणवत्ता परीक्षण हेतु विकास खंड मैथा सभागार में जल परीक्षण करने वाली महिलाओं को एफ०टी०एच किट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।

कानपुर देहात,अमन यात्रा : मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल गुणवत्ता परीक्षण हेतु विकास खंड मैथा सभागार में जल परीक्षण करने वाली महिलाओं को एफ०टी०एच किट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक जितेन्द्र कुमार एवं श्रवण कुमार ने महिलों को प्रशिक्षण देते हुए पानी परीक्षण के तरीके बताये एवं जल की समस्त जानकारी विस्तार से दी, उन्होंने महिलाओं को पानी परीक्षण के दस प्रकार के परीक्षण के बारे में बताया कि पानी की केमिकल जांच के लिए पानी में पाए जाने वाले क्लोरीन, फ्लोराईड, नाइट्रेट आदि की जांच की जाती है जिससे यह पता चलता है कि पानी में यह कितनी मात्रा में उपस्थित है साथ ही इसकी गणना का भी तरीका समझाया। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि हमें हमेशा शुद्ध जल ही पीना चाहिए एवं जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए, उन्होंने कहा कि दूषित पानी से तमाम प्रकार की बीमारियाँ होती है अत: शुद्ध जल को ही अपनाए।
ये भी पढ़े- महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, स्वदेशी हर पहलुओं पर शसक्त होना जरुरी : सीडीओ सौम्या
उन्होंने कहा कि जल में औषधीय गुण विद्यमान होते हैं। जल का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से मानसिक, शारीरिक थकान, तनाव से मुक्ति मिलती है। सुबह सोकर उठने पर जल के सेवन करने से रक्त चाप (विशेषकर उच्च) तथा कब्ज ठीक रहता है। स्पाइनल कोर्ड में डिस्क को मुलायम और स्पोन्जी बनाने के लिए जल का अधिक मात्रा में सेवन करना लाभप्रद होता है। यह प्रशिक्षण महलबाला इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेस द्वारा कराया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.