कविता

 श्री राम जी

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले। मुस्कुराहटों से हम सबके चेहरे खिले।

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले।

मुस्कुराहटों से हम सबके चेहरे खिले।

ना दुख जताया था ना हर्ष।

स्वीकार किया था वनवास चौदह वर्ष।

पिता की आज्ञा पाकर वनवास को चले।

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले।

मुस्कुराहटों से हम ____________


थे सबके पूर्वक जानते हैं हम सब।

प्रभु उनको मानते हैं हम सब।

उनके बिना किसी का काम ना चले।

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले।

मुस्कुराहटों से हम ____________


समानता का संदेश सभी को दिया।

सबरी के हाथ से बेर खा लिया।

निषाद के गले से थे मिले।

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले।

मुस्कुराहटों से हम ____________


एक कैकई कुमाता के कहने।

कई दुख उन्हें पड़े थे सहने।

वन को चले थे महलों में पले।

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले।

मुस्कुराहटों से हम ____________


सनातन का झंडा ऊंचा रहेगा।

जय सियाराम देश का वासी कहेगा।

सनातन सब जगह फूले _फले।

कितने वर्षों के बाद श्री राम जी मिले।

मुस्कुराहटों से हम सबके चेहरे खिले।

 

लेखक _ अनिल कुमार दोहरे

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE


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