संघर्ष से सफलता तक: दीपक की कहानी, गरीबी को हराकर पाई नई जिंदगी
आर्थिक तंगी और गरीबी से जूझ रहे दीपक तिवारी के जीवन में समाजसेवियों और प्रदेश सरकार की मदद से एक नई उम्मीद की किरण जगी है।

- समाजसेवियों और सरकार की मदद से बीमारी का इलाज, अब पक्का घर भी हुआ नसीब
- आर्थिक तंगी और बीमारी से जूझ रहे दीपक को दोस्तों और सरकार ने दिया जीवन का सहारा
कानपुर देहात: आर्थिक तंगी और गरीबी से जूझ रहे दीपक तिवारी के जीवन में समाजसेवियों और प्रदेश सरकार की मदद से एक नई उम्मीद की किरण जगी है। गंभीर बीमारी से जूझ रहे दीपक को न सिर्फ समय पर इलाज मिला, बल्कि अब उन्हें पक्का आशियाना भी मिलने जा रहा है।
कानपुर देहात की रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के नरखुर्द गांव निवासी दीपक पिछले 10 वर्षों से स्पाइन की गंभीर समस्या से पीड़ित थे। रीढ़ की हड्डी की नसें स्पंज होने के कारण वे चलने-फिरने में भी असमर्थ थे। पिता की असमय मृत्यु के बाद परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, जिससे दीपक का जीवन और भी मुश्किल हो गया था।
ऐसे में, समाजसेवी इसरार मोहम्मद के बेटे मोहम्मद नदीम और उनके दोस्त शिवम दुबे ने दीपक की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने पत्रकार के साथ मिलकर अथक प्रयास किए, जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री राहत कोष से दीपक के इलाज के लिए आर्थिक सहायता मिली और उनका सफल इलाज हुआ।
इलाज के बाद, दीपक की सबसे बड़ी चिंता अपने कच्चे घर और फूस के छप्पर को लेकर थी। उनकी इस परेशानी को समझते हुए, मोहम्मद नदीम और शिवम दुबे ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर दिलाने का प्रयास किया। उनके प्रयास सफल रहे और दीपक को प्रधानमंत्री आवास मिलने की सूचना मिली। यह खबर सुनकर दीपक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दीपक की कहानी यह बताती है कि अगर समाज के लोग और सरकार मिलकर काम करें, तो किसी भी मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है। दीपक के जीवन में आए इस सकारात्मक बदलाव ने यह साबित कर दिया है कि हिम्मत और हौसले से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
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