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कानपुर देहात: मुख्य विकास अधिकारी ने गौशालाओं का औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के दिए निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) लक्ष्मी एन. ने विकासखंड सरवनखेड़ा में संचालित अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने फत्तेपुर रोशनाई और मोहना गौशालाओं में व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सुधार के निर्देश दिए।

कानपुर देहात, 30 दिसंबर 2024: मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) लक्ष्मी एन. ने विकासखंड सरवनखेड़ा में संचालित अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने फत्तेपुर रोशनाई और मोहना गौशालाओं में व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सुधार के निर्देश दिए।

फत्तेपुर रोशनाई गौशाला में व्यवस्थाओं का अवलोकन

निरीक्षण के दौरान फत्तेपुर रोशनाई गौशाला में कुल 34 गौवंश पाए गए। मौके पर ग्राम सचिव धीरू यादव और दो केयर टेकर उपस्थित थे। गौशाला में पर्याप्त मात्रा में भूसा और पशु आहार उपलब्ध मिला। मुख्य विकास अधिकारी ने गौशाला में साफ-सफाई की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन इसे नियमित और व्यवस्थित बनाए रखने के निर्देश दिए।

सीडीओ ने गौशाला के चारों तरफ तिरपाल लगाए जाने की सराहना की और रात्रि में गौवंशों को ठंड से बचाने के लिए अलाव की अनिवार्य व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान फत्तेपुर रोशनाई गौशाला में बना खड़ंजा टूटा हुआ पाया गया, जिसे शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश सचिव को दिए गए।

मोहना गौशाला में व्यवस्थाओं की समीक्षा

इसके पश्चात मुख्य विकास अधिकारी ने अस्थायी गौशाला मोहना का निरीक्षण किया। यहां कुल 136 गौवंश मिले। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गौवंशों को सभी आवश्यक सुविधाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए केयर टेकर की उपस्थिति सुनिश्चित करने और कर्मचारियों के ड्यूटी चार्ट गौशाला के बाहर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। ड्यूटी चार्ट में कर्मचारियों के नाम, समय और मोबाइल नंबर अंकित करने को कहा गया।

सुधारात्मक निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि:

  1. सभी गौवंशों को समय पर हरा चारा, पानी और अन्य आहार उपलब्ध कराया जाए।
  2. गौशाला में संरक्षित किसी भी गौवंश की ईयर टैगिंग अनिवार्य हो।
  3. गौवंशों की चिकित्सा की नियमित अनुश्रवण पशु चिकित्साधिकारी द्वारा किया जाए।
  4. गौशालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही गौवंशों का संरक्षण हो।

सुधार कार्यों की समयसीमा

गौशालाओं में जो भी कमियां पाई गईं, उन्हें एक सप्ताह के भीतर दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि गौशालाओं की नियमित निगरानी की जाए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन. ने अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिया कि गौवंशों के रखरखाव और प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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