डीएम एवं सीडीओ ने जल संरक्षण की दिलाई शपथ, जल है तो कल है इस मूलमंत्र से कार्य करने पर दिया जोर
सीडीओ सौम्या पांडे ने जल संरक्षण को लेकर तालाब खोदकर वर्षा के पानी को संरक्षित किये जाने हेतु प्रेरित किया गया.जिलाधिकारी ने कहा जिन ब्लाको मे जल स्तर काफी कम है ऐसे तीन ब्लाको मे अतिरिक्त बजट के साथ कार्य योजना बनायी जायेगी।
कानपुर देहात,अमन यात्रा :विश्व जल संरक्षण दिवस पर विकास भवन मे जल संरक्षण संगोष्ठी एवं जल शपथ कार्यक्रम जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता एवं सीडीओ की उपस्थिति मे दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया इस मौके पर जहाँ प्रधानमंत्री जी का लाइब प्रसारण भी देखा गया। तथा जिलाधिकारी ने जल संरक्षण को लेकर शपथ भी दिलायी। सीडीओ सौम्या पाण्डेय ने जल संरक्षण को लेकर उपस्थित जनो को संबोधित कर महत्वपूर्ण जानकारियां दी और कार्यक्रम मे उपस्थित मात्र शक्तियो को जल संरक्षण मे आगे आने की बात कही। सरकार लगातार जल संरक्षण को लेकर तालाब को खोदकर वर्षा का पानी रोकने को लेकर अन्य कार्यगर कदम कई विभागों के माध्यम से उठाये जा रहे लेकिन हमे नही भूलना चाहिए कि लगातार भूमि तल से पाने कम हो रहा इसका कारण आज हमे तीसरे स्टेटा से पानी मिल रहा जो चिन्ता का विषय है हमे खेत का पानी खेत मे घर का पानी घर मे यही नही सीडीओ ने बताया कि खेत तालाब योजना स्पीकिलर योजना व तालाबो के अपने स्वरूप मे लाना वही गांवो मे लगे हैण्ड पम्प से प्रयोग के बचे पानी को संरक्षित करना है। जिलाधिकारी ने कहा जिन ब्लाको मे जल स्तर काफी कम है ऐसे तीन ब्लाको मे अतिरिक्त बजट के साथ कार्य योजना बनायी जायेगी। विश्व जल संरक्षण दिवस जल ही जीवन है आज हम जिस स्थिति में पहुंचे हैं वही भूगर्भ जल संरक्षण के नोडल जिला विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभिन्न कार्यों व उनकी योजनाओं पर प्रकाश डाला इस मौके पर डीसी मनरेगा भूमि संरक्षण उद्यान विभाग जल निगम कृषि डीपीआरओ विभाग के अधिकारियों ने इस मामले मे उपस्थित जनो को जानकारी दी।
उसकी वजह यही है कि लोगों में पानी के प्रति संजीदगी नहीं है अभी भी लोग नहीं चेते हैं हमें यह सोचना चाहिए आज हम जो जल इस्तेमाल कर रहे हैं वह हमें कल नहीं मिलेगा। एक गिलास पानी पीने के लिए हम काफी सारा पानी से गिलास को धोने मे बर्बाद कर देते हैं लोगों को जल संचयन करने के लिए जागरूक करना बहुत जरूरी है प्रत्येक नागरिक को शपथ एवं संकल्प लेना चाहिए जल है तो कल है जल ही जीवन है पानी के प्रति सजगता बरतनी चाहिए पाने बिन सब शून्य है और पानी को बर्बादी से बचना चाहिए। इसी क्रम में अगर हम बात करें तो हमारे भू भाग में 75% पानी है किंतु शुद्ध पीने योग्य पानी की कुछ ही प्रतिशत भाग हमारे पृथ्वी में है जिससे हम बिना सोचे समझे खर्च कर रहे हैं अगर हमें आधे गिलास की पानी की आवश्यकता है तो हम एक ग्लास पानी का इस्तेमाल करते हैं जिसका आधा हिस्सा हम बर्बाद करते हैं इसी क्रम में घर-घर समरसेबल की स्थापना हो जाने से भूगर्भ से किस कदर हम लगातार दोहन कर रहे हैं यह किसी से न तो छिपा और हम यह भी जान रहे कि हम गलत कर रहे किन्तु इस मामले हम चेत नही रहे है अभी नही तो फिर कभी नही।
जल संचयन के क्षेत्र में हम बहुत पीछे हैं इस मामले बैठको से नही कठोर कदम उठाने चाहिए। वही माध्यमिक विद्यालय की छात्रा कशिश ने जल संरक्षण के मामले अपने विचार प्रकट किये जिसकी अधिकारियों ने सराहना की। जल जीवन मिशन के जतत 294 राजस्व गांव चयन किये गये चयनित गांवो मे पाइपलाइन के जरिये शुद्ध पानी भेजा जायेगा जिससे दूषित पानी से जुडी बीमारियों से मुक्ती मिलेगी। सीडीओ द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं एवं जनमानस को मिशन प्रेरणा अंतर्गत खोली गयी प्रेरणा कैंटीन जो कि विकास भवन में ही संचालित है के माध्यम से लंच पैकेट का वितरण भी करवाया गया। बताते चले कि सीडीओ द्वारा जनपद को प्रेरणा जनपद बनाये जाने हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ साथ रोजगार भी मिल सके।
इस मौके परियोजना निदेशक डीआरडीए, डीपीआरओ, सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, उप कृषि निदेशक, जिला उद्यान अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी सहित काफी संख्या में संबंधित विभाग के अधिकारी विभिन्न विकास खंडों से आई ग्रामीण महिलाओं ने इस कार्यक्रम में शिरकत कर जल संरक्षित करने की शपथ ली।