समय,श्रम,धन नहीं हुआ बर्बाद क्योंकि राम मंदिर बन कर हुआ तैयार : सुशील त्रिवेदी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुशील त्रिवेदी ने कहा है कि राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल यात्रा करने के समय जो भी श्रम समय और धन लगा वह बर्बाद नहीं हुआ क्योंकि मेरे सामने ही राम मंदिर बनकर तैयार हो गया जहां पर 22 जनवरी को रामलला प्रतिष्ठापित किये जायेंगे।

कानपुर देहात : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुशील त्रिवेदी ने कहा है कि राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल यात्रा करने के समय जो भी श्रम समय और धन लगा वह बर्बाद नहीं हुआ क्योंकि मेरे सामने ही राम मंदिर बनकर तैयार हो गया जहां पर 22 जनवरी को रामलला प्रतिष्ठापित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्हें 12 -13 अक्टूबर की रात को गिरफ्तार कर फतेहगढ जिला जेल भेजा गया और एक सप्ताह बाद जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका)के तहत निरुद्ध कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि उक्त कानून के तहत कानपुर देहात जनपद से बारस लोग पाबंद किये गये थे जिनमें अकबरपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र सिंह गुड्डन, पुखरायां नगर पालिका से केदार द्विवदी,डॉक्टर विश्वम्भर सिंह सचान, घाटमपुर नगर पालिका से उमा शंकर सचान एडवोकेट,बिल्हौर से शिव दुलारे अवस्थी,विद्या राम तिवारी के अतिरिक्त सांसद देवेंद्र सिंह भोले,राजा राम,राम नरेश चौरसिया,राजेश दुबे प्रमुख थे। हालांकि अकबरपुर नगर से महेश दत्त त्रिपाठी व रज्जन लाल मिश्र भी गिरफ्तार किए जाने वाली सूची में थे किन्तु वे लोग पुलिस को चकमा देकर निकल गए थे। ज्ञातव्य हो कि दीपावली के ठीक एक दिन पूर्व जब रासुका के तहत पाबंद किए जाने की सूचना जेल के अंदर तामील कराई गई तो वह दिन बहुत चिन्ताओं भरा बीता क्योंकि उक्त कानून के तहत 6 माह बाद ही सुनवाई का प्रावधान है और वह भी राष्ट्रपति ही अधिकार प्राप्त व्यक्ति हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बीच बैरक में चार सौ कार्यकर्ता जिनमें संघ और बीजेपी के अनेक पदाधिकारी शामिल थे,आ चुके थे और मन में आया अब भगवान राम कुछ न कुछ चमत्कार करेंगे जरूर और हुआ भी वैसा ही,केंद्र सरकार अविश्वास प्रस्ताव के चलते गिर गई तथा हम लोगों की रिहाई का रास्ता तैयार हो गया हालाँकि कानूनी कार्रवाई पूर्ण होते होते 14 नवंबर 1990 की पूर्व संध्या आ गई और वह बालदिवस हम लोगों ने खुले आसमान में मनाया। आज जब राम लला अपने अर्थात् विश्व स्तरीय दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं तो मन प्रसन्न है।
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