सारी खबरें निकली हवाहवाई, अभी तक नहीं आयी ट्रांसफर पॉलिसी, शिक्षकों में टूटने लगी स्थानांतरण की उम्मीद
जिले के अंदर तबादले की बाट जोह रहे शिक्षकों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। 27 जुलाई को आए शासनादेश में 10 दिन बाद स्थानांतरण का पोर्टल खोला जाना था। लगभग माह भर बाद भी पोर्टल नहीं खुला है।

कानपुर देहात,अमन यात्रा : जिले के अंदर तबादले की बाट जोह रहे शिक्षकों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। 27 जुलाई को आए शासनादेश में 10 दिन बाद स्थानांतरण का पोर्टल खोला जाना था। लगभग माह भर बाद भी पोर्टल नहीं खुला है। करीब सात साल से जिले के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया नहीं हुई है। शासन स्तर से 27 जुलाई को जनपद के अंदर स्थानांतरण और समायोजन का आदेश आया था। इसमें नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानक के अनुसार प्रत्येक विद्यालयों में शिक्षक छात्र अनुपात सुनिश्चित करने के लिए सरप्लस शिक्षकों को आवश्यकता वाले विद्यालयों में समायोजित करना और शिक्षकों का ब्लॉक से ब्लॉक में स्थानातरण किया जाना था। छात्र शिक्षक अनुपात के लिए 30 अप्रैल 2022 को छात्र संख्या को आधार मानकर ही यह संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसके अनुसार शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लेकर उनको भारंक के अनुसार प्राथमिकता दी जानी थी।
ये भी पढ़े- भोगनीपुर : पुजारी हत्याकांड के अभियोग में एक शातिर गिरफ्तार, बड़ा खुलासा
जनपद के अन्दर बेसिक स्कूलों में आपस में स्थानान्तरण तथा प्रशासन स्तर पर फेरबदल के लिए पारस्परिक स्थानान्तरण व समायोजन की नीति भी स्थानान्तरण नीति के साथ घोषित की जाती है। इस बार पारस्परिक स्थानान्तरण व समायोजन को लेकर भी कोई निर्देश नहीं है। कई शिक्षक-शिक्षिकाएं पारिवारिक आधार पर स्थानान्तरण की आस लगाए हुए हैं। इसी क्रम में शिक्षकों के विवरण मानव संपदा पोर्टल पर संशोधित भी किए जाने की प्रक्रिया भी तेजी से अपनाई गई थी। ऑनलाइन आवेदन के लिए एनआईसी पर 10 कार्य दिवसों के अंदर पोर्टल खुलने का स्पष्ट आदेश था लेकिन एक माह होने को है अभी तक पोर्टल का कुछ अता-पता नहीं है। अधिकारियों के आदेश के अनुसार मीडिया में भी स्थानांतरण से संबंधित खबरें खूब प्रकाशित हो रही थीं। खबरें पढ़कर शिक्षक अत्यधिक प्रसन्न हो रहे थे कि उनका स्थानांतरण उनकी मनचाही जगह पर हो जाएगा किंतु उनकी यह उम्मीद टूटती नजर आ रही है। इससे शिक्षकों में खासी नाराजगी है।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.