कानपुर, अमन यात्रा । नौबस्ता के यशोदा नगर निवासी सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी को साइबर ठगों ने शिकार बनाया। साइबर ठगों ने उनका मोबाइल नंबर बंद कराकर उनके खाते से दस से अधिक बार में 3.12 लाख की नकदी उड़ा दी। बैंक से रुपये निकालने के लिए उन्होंने विड्राल फार्म भरकर दिया तो खाते में रुपये न होने की जानकारी हुई। बेटे का आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह थाने और साइबर सेल के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।

यशोदा नगर निवासी दिनेश चंद्र सिन्हा इलेक्ट्रिक लोकोशेड से सेवानिवृत्त हैं। एलआइसी एजेंट बेटे आकाश सिन्हा ने बताया कि बीते 30 सितंबर को पिता का मोबाइल सिम नंबर अचानक बंद हो गया। इस पर पिता ने किदवई नगर स्थित मोबाइल नेटवर्क कंपनी के कार्यालय में सूचना दी थी। जहां उन्हें कर्मचारी ने बताया था कि उनकी शिकायत उच्चाधिकारियों को भेजी है। उनका नंबर बंद होने की जानकारी सिस्टम में नहीं दिखा रहा है। कर्मचारी ने उन्हें तीन दिन बाद संपर्क करने के लिए कहा था। जिस पर पिता चार अक्टूबर को दोबारा कार्यालय पहुंचे। फिर भी उनके पिता के नंबर के बारे में कर्मचारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। कर्मचारी ने फिर से तीन दिन बाद उन्हें बुलाया था।

आकाश के मुताबिक पांच अक्टूबर को कुछ रुपयों की जरूरत होने के चलते पिता पंजाब नेशनल बैंक फजलगंज शाखा पहुंचे। जहां पांच हजार रुपये का विड्राल फार्म भर कर काउंटर पर दिया। बैंक कर्मी ने खाते में रकम न होने की बात कहकर फार्म वापस कर दिया। मामले की जानकारी पर पिता के होश उड़ गये। इस पर उन्होंने बैंक प्रबंधक से इसकी शिकायत की। छानबीन में पता चला कि 30 सितंबर से पांच अक्टूबर के बीच पिता के खाते से यूपीआइ के माध्यम से दस से अधिक बार में शातिरों ने 3.12 लाख की नकदी निकाल ली। आकाश का आरोप है कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह थाने और साइबर सेल के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। थाना प्रभारी नौबस्ता सतीश कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। अगर तहरीर मिलती है तो रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।