कथावाचक ने श्रोताओं को गोवर्धन पर्वत पूजा की कथा सुनाई
मलासा विकासखंड के रायरामापुर गांव में आयोजक मंडल द्वारा आयोजित बीते 23 मार्च से चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिवस में सोमवार को कथावाचक ने श्रोताओं को गोवर्धन पर्वत पूजा की कथा सुनाई जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।

अमन यात्रा, पुखरायां। मलासा विकासखंड के रायरामापुर गांव में आयोजक मंडल द्वारा आयोजित बीते 23 मार्च से चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिवस में सोमवार को कथावाचक ने श्रोताओं को गोवर्धन पर्वत पूजा की कथा सुनाई जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। सोमवार को विकासखंड के रायरामापुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक पंडित श्याम नारायण तिवारी ने कथा का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार इंद्रदेव को अभिमान हो गया तब लीलाधारी श्रीकृष्ण ने एक लीला रची।
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एक दिन श्रीकृष्ण ने देखा कि सभी ब्रजवासी तरह तरह के पकवान बना रहे हैं पूजा का मंडप सजाया जा रहा है और सभी लोग प्रातःकाल से ही पूजन की सामग्री एकत्र करने में व्यस्त हैं।तब श्रीकृष्ण ने यशोदा जी से पूंछा मईया ये आज सभी लोग किसके पूजन की तैयारी कर रहे हैं इस पर मईया यशोदा ने कहा कि पुत्र सभी ब्रजवासी इंद्रदेव के पूजन की तैयारी कर रहे हैं।तब कन्हैया ने कहा कि सभी लोग इंद्रदेव की पूजा क्यों कर रहे हैं तो माता यशोदा उन्हे बताते हुए कहती हैं क्योंकि इंद्रदेव वर्षा करते हैं और जिससे अन्न की पैदावार अच्छी होती है और हमारी गायों को चारा प्राप्त होता है।
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भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार दूर करने और सभी ब्रजवासियों की रक्षा करने हेतु गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया।तब सभी ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली।इसके बाद इंद्रदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा याचना की।इसी के बाद से ही गोवर्धन पर्वत के पूजन की परंपरा आरंभ हुई।कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।कथा का समापन 30 मार्च को होगा इस अवसर पर हवन पूजन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जायेगा।इस मौके पर परीक्षित दयाराम पाल,रमाशंकर पाल,निर्देश पाल,रामगोपाल सविता,प्रमोद सविता,रामसजीवन पाल, आकाश शर्मा, श्रीबाबू पाल,मदन मिश्रा,विनोद पांडेय,मोंटी पांडेय,रघुवीर तिवारी,आशीष पांडेय,सौरभ पाण्डेय सहित समस्त ग्रामवासी मौजूद रहे।
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