सात कंपनियों में बदलीं 41 आयुध निर्माणी, कानपुर समेत कंपनियों का वर्चुअल शुभारंभ करने जा रहे पीएम मोदी
देश की 41 आयुध निर्माणियों को सात कंपिनयों में बदल दिया गया है। इसमें तीन कंपनियां शहर में स्थापित हैं। एक अक्टूबर से इन कंपनियों ने काम भी शुरू कर दिया है। विजय दशमी के अवसर पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इन कंपनियों का अधिकारिक उद्घाटन करेंगे।
कानपुर, अमन यात्रा । देश की 41 आयुध निर्माणियों को सात कंपिनयों में बदल दिया गया है। इसमें तीन कंपनियां शहर में स्थापित हैं। एक अक्टूबर से इन कंपनियों ने काम भी शुरू कर दिया है। विजय दशमी के अवसर पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इन कंपनियों का अधिकारिक उद्घाटन करेंगे। दिल्ली के डीआरडीओ भवन से प्रधानमंत्री सभी कंपनियों से वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे। इस आयोजन में शामिल होने के लिए कंपनियों ने भी समारोह का आयोजन किया है। जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक और सैन्य अफसरों को भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
उधर, कर्मचारियों ने इस उद्घाटन का बहिष्कार करने की तैयारी की है।कर्मचारी संगठनों के मुताबिक काला बैज बांधकर वह अपना विरोध दर्ज कराएंगे। आयुध निर्माणियों के लिए बनायी गई सात कंपनियों में तीन कंपनियां कानपुर में स्थित हैं। इसमें एडवांस वेपन एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, ट्रूप कंफर्ट लिमिटेड और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड का पंजीकरण भी 14 अगस्त को रजिस्ट्रार आफ कंपनी (आरओसी) कानपुर में हो चुका है। बीते एक अक्टूबर 2021 से तीनों कंपनियां नए सीएमडी और निदेशकों के दिशा निर्देशन में काम भी शुरू कर चुकी हैं। अब प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री इन कंपनियों का अधिकारिक शुभारंभ शस्त्र पूजन के साथ करेंगे। इसका वर्चुअल प्रसारण किया जाएगा। इसके लिए आयुध निर्माणियों में तैयार उत्पादों और शस्त्रों को दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन भेजा गया है।
संयुक्त परामर्श समिति भंग : निर्माणियों की संयुक्त परामर्श समिति (जेसीएम) को सरकार ने भंग कर दिया है। पांच दशक पुरानी इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए 12 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था। चार स्तर पर बनी यह समितियां कैबिनेट, मंत्रालय, बोर्ड और निर्माणी के स्तर पर होने वाले निर्णयों में खासा दखल रखती थीं और आयुध निर्माणी में होने वाले उत्पादन, आर्डर, कच्चा माल, कार्य की सेवा शर्तों और नीतियों का पालन कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।आल इंडिया डिफेंस इंप्लाइज फेडरेशन के संगठन मंत्री छबिलाल यादव ने सरकार के इस निर्णय को कर्मचारी विरोधी बताते हुए विरोध करने की बात कही है।