सावधान! फोन कॉल पर किसी से न शेयर करें बैंक डिटेल, राजस्थान का गैंग कई राज्यों में कर रहा फ्रॉड
हैकरों से पूछताछ में मिला इस गिरोह के सक्रिय होने का इनपुट। गिरोह में ट्रक ड्राइवरों के भी शामिल होने की आशंका पर पड़ताल कर रही पुलिस। पुलिस का मानना है कि असोम आने जाने वाले गिरोह के सदस्य किसी ट्रक ड्राइवर के संपर्क में हैं।
कानपुर, अमन यात्रा । शहर समेत कई राज्यों में इन दिनों ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। शहर में कई एटीएम हैकरों की धरपकड़ हुई तो उनके जरिए पुलिस को कुछ मोबाइल नंबर मिले जिनसे सामने आया कि राजस्थान के भरतपुर का एक गैंग इस तरह के फ्रॉड कर रहा है।
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले शातिर अलग-अलग पैतरे अपनाकर लोगों को जाल में फंसाने का काम करते हैं। कभी पेमेंट करने के बहाने, कभी कस्टमर केयर, बैंक अधिकारी तो कभी सैन्य कर्मी बनकर ऑनलाइन वेबसाइट और इंटरनेट मीडिया पर सस्ते दामों पर सामान बिक्री के नाम पर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इन दिनों शातिरों ने क्यूआर कोड स्कैन करा कर खाते से नकदी उड़ाने का रास्ता तैयार किया है। इनकी बातों में आकर लोग खरीदने और बेचने वाले सामान की सिर्फ फोटो देखकर ही झांसे में आ जाते हैं। कुछ समय पहले सैन्यकर्मी बनकर स्कूटी बेचने के मामले में की शिकायत पीडि़त ने एसपी साउथ से की थी। इसके बाद सर्विलांस टीम सक्रिय हुई थी। पूर्व में शहर में पकड़े गए एटीएम हैकरों से पूछताछ में पुलिस को कई नंबर हाथ लगे थे। छानबीन में सामने आया कि फ्रॉड के अधिकांश मामलों में असोम के ही ज्यादातर नंबर हैं। पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया तो चकेरी में पकड़े गए हैकरों से भरतपुर के गैंग के सक्रिय होने का इनपुट मिला।
प्री-एक्टीवेटेड सिमकार्ड का कर रहे इस्तेमाल
पुलिस की छानबीन में सामने आया कि शातिर कॉल करने में फेक आइडी पर एक्टिवेट किए जाने वाले सिमकार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक मोबाइल के दो आइएमईआइ नंबरों का ब्योरा निकाला गया तो पुलिस के होश उड़ गए। बीते साल भर के भीतर दोनों आइएमईआइ नंबरों पर 16 सौ से अधिक सिमकार्ड चलाए गए। पुलिस का मानना है, यह किसी मोबाइल दुकानदार का मोबाइल है जो इसका इस्तेमाल सिमकार्ड एक्टीवेशन में करता है।
पुलिस का मानना है कि असोम आने जाने वाले गिरोह के सदस्य किसी ट्रक ड्राइवर के संपर्क में हैं। वह दो हजार किलोमीटर से अधिक दूरी 35 से 40 घंटे में तय करके असोम आता जाता है और दुकानदार से प्री-एक्टीवेटेड सिमकार्ड लाकर गिरोह के सदस्यों को मुहैया कराता है।
पहले निकाल लेते हैं एटीएम से कैश
ऑनलाइन फ्रॉड के बाद जिस खाते में रकम ट्रांसफर की गई उसे पुलिस संबंधित बैंक अफसरों से बात करने के बाद ब्लाक करा देती थी। इससे कई बार ठग उस रकम को नहीं निकाल पाते थे। अब भरतपुर के गिरोह के सदस्य पुलिस की इस कार्रवाई के चलते फ्रॉड करने के तुरंत बाद ही धीरे-धीरे करके एटीएम के माध्यम से नकदी निकासी कर लेते हैं।
इनका ये है कहना
ऑनलाइन फ्राड करने वाले भरतपुर गैंग के सक्रिय होने की जानकारी मिली है। कुछ लोगों को ट्रेस किया गया है। प्री-एक्टीवेटेड सिम बेचने वाले दुकानदार को भी ट्रेस किया जा रहा है। – दीपक भूकर, एसपी साउथ
जिले में ऑनलाइन फ्रॉड के आंकड़े
- वर्ष 2020
आई शिकायतें – 964
दर्ज हुए मुकदमे – 348
खातों से निकली रकम वापस- 29 लाख
- वर्ष 2021 (जनवरी तक)
आईं शिकायतें – 42
दर्ज हुए मुकदमे- 23
खातों से निकली रकम वापस- 56 लाख
अब तक घटनाएं
- बर्रा गुंजन विहार में सेना का जवान बनकर परचून दुकानदार दिनेश शिवहरे से काजू-बादाम खरीदने के नाम पर दस हजार रुपये ठगे
- बैंककर्मी बनकर बर्रा में अधिवक्ता के खाते से उड़ाई 19 हजार की नकदी
- गोङ्क्षवद नगर में ओएलएक्स पर स्कूटी बेचने के नाम पर युवक से 1.87 लाख की ठगी
- बर्रा में ओएलएक्स पर पुराना कैमरा बेचने के नाम पर सैन्य अधिकारी बने साइबर ठग ने 43 हजार ठगे
- बाबूपुरवा में ओएलएक्स पर इंटरनेट राउटर खरीदने के नाम पर अनिल कुमार सिन्हा से सैन्य अधिकारी बनकर 3.67 लाख उड़ाए
Author: AMAN YATRA
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