कानपुर देहात: मौसम विभाग की चेतावनी! जनपद में आगामी 23 और 24 अप्रैल को भीषण गर्मी यानी ‘हीट वेव’ (लू) चलने की प्रबल संभावना है। असामान्य रूप से उच्च तापमान और उमस भरी हवाएं सेहत के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकती हैं। जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दुष्यंत कुमार मौर्य ने ‘लू’ से बचाव के लिए ज़रूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। याद रखें, थोड़ी सी सावधानी आपको और आपके प्रियजनों को सुरक्षित रख सकती है!
पानी की कमी बन सकती है जानलेवा, इन बातों का रखें खास ख्याल!
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि उच्च तापमान और वायुमंडल में नमी की अधिकता के कारण ‘लू’ का प्रभाव और भी घातक हो सकता है। इससे शरीर में पानी की कमी, ऐंठन और गंभीर मामलों में जान भी जा सकती है। बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, मजदूर, बीमार और बेघर लोग इस मौसम में विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं। इसलिए, सभी नागरिकों से अपील है कि वे जारी किए गए सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
क्या करें:
- मौसम पर रखें नज़र: टीवी और अखबारों के माध्यम से स्थानीय मौसम की जानकारी लेते रहें।
- खूब पानी पिएं: प्यास न लगने पर भी पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
- हाइड्रेटेड रहें: ओआरएस घोल, लस्सी, चावल का पानी (तोरानी), नींबू पानी, छाछ जैसे घरेलू पेय पदार्थों का सेवन करें।
- हल्के कपड़े पहनें: हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें।
- सिर ढककर निकलें: धूप में निकलने से पहले कपड़े, टोपी या छतरी का इस्तेमाल ज़रूर करें।
- हाथ धोते रहें: हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं।
- घर में रहें: अनावश्यक रूप से दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक बाहर न निकलें। बहुत ज़रूरी होने पर चेहरा और सिर ढककर ही जाएं।
- कार्यस्थल पर ध्यान दें: नियोक्ता कार्यकर्ताओं के लिए ठंडा पानी उपलब्ध कराएं और उन्हें सीधी धूप से बचाएं। भारी काम ठंडे समय में कराएं और बाहरी गतिविधियों के दौरान ब्रेक बढ़ाएं। गर्भवती और बीमार श्रमिकों का विशेष ध्यान रखें।
- बुजुर्गों का ख्याल रखें: अकेले रहने वाले बुजुर्गों की दिन में कम से कम दो बार जांच करें, सुनिश्चित करें कि उनके पास फोन हो और गर्मी में बेचैनी होने पर उन्हें ठंडक पहुंचाएं। उन्हें हमेशा पानी की बोतल साथ रखने को कहें।
- शिशुओं का ध्यान रखें: उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं, गर्मी की बीमारियों के लक्षणों को पहचानें। यदि पेशाब गहरा पीला हो तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत है। बच्चों को बंद गाड़ी में अकेला न छोड़ें।
- पशुओं का ध्यान रखें: जहां तक हो सके, उन्हें घर के अंदर रखें या छायादार स्थान पर बांधें। उन्हें साफ और ठंडा पानी पीने को दें और कभी भी बंद जगह पर न रखें। गाड़ी में जानवरों को बिल्कुल न छोड़ें।
क्या न करें:
- गर्मी के दिनों में दोपहर के समय अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।
- भारी और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
- बाहर का खुला खाना न खाएं।
- शारीरिक श्रम वाले काम दोपहर के समय न करें।
- बच्चों और पालतू जानवरों को बंद गाड़ी में अकेला न छोड़ें।
- धूप में खड़ी गाड़ियों में न बैठें।
यह जनहित में जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, कानपुर देहात द्वारा जारी किया गया है। अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए इन निर्देशों का पालन अवश्य करें!