हवन यज्ञ व भंडारे के साथ श्रीमद्भागवत कथा का समापन,कथावाचक ने दिया उपदेश
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के विकासखंड मलासा के महर्षि दुर्वासा ऋषि आश्रम के निकट स्थित महोलिया गांव में आयोजक मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के समापन के अवसर पर बुधवार को हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया

- भंडारे में बड़ी संख्या में जुटी भक्तों की भीड़
- जीवन में प्रसाद का अपमान करने से होता है भगवान का अपमान
- कथावाचक जिमी पाल चैतन्य
पुखरायां।भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के विकासखंड मलासा के महर्षि दुर्वासा ऋषि आश्रम के निकट स्थित महोलिया गांव में आयोजक मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के समापन के अवसर पर बुधवार को हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया।कथावाचक जिमी पाल चैतन्य ने सात दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद्भागवत कथा की महिमा बताई।उन्होंने लोगों से भक्ति भाव से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा।कथावाचक ने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है।मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है।जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है।भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है।कथा समापन के दिन बुधवार को विधिविधान से पूजा अर्चना कराई गई।तत्पश्चात हवन यज्ञ में पहुंचकर लोगों ने आहुति डाली।हवन यज्ञ के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।केशी,निगोही,कुटरा,बरौर, सैदलीपुर,निगोही,महोलिया समेत करीब एक दर्जन गांवों से बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया।भंडारे में बच्चों,बुजुर्गों,महिलाओं में उत्साह दिखाई दिया।इस मौके पर परीक्षित मथुरा प्रसाद फौजी एवं रामश्री,यदुवीर यादव, हरपाल,जयहिंद,चंद्रभान सिंह, अनूप श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में ग्रामवासी व क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.