बांदा,अमन यात्रा। जनपद ओवरलोड पर लगाम नहीं लग पा रही है । मुख्यमंत्री के आदेशों को नहीं मानते हैं। खदान संचालक और ट्रक मालिक, जनपद की नरैनी व एमपी की खदानों व निजी भूमि से आने वाले ओवरलोड ट्रको को अपनी मंजिल तक रास्ता साफ़ मिलता है । ओवरलोड से सड़कें ध्वस्त होने और हादसों को रोकने के लिए बीते कुछ दिनो पहले मुख्यमंत्री ने ओवरलोड पर रोक लगाई थी और अधिकारियो को सख्ती से आदेशों का पालन करने के निर्देश दिए थे । वैसे तो जनपद में लोकेसनबाजो का खेल काफी लम्बे समय से चल रहा है, वही सूत्रों की माने तो इस बार देश के चौथे स्तम्भ मिडिया ने भी इसमें अपनी सहभागिता निभाना शुरू कर दिया है । सूत्रों की माने तो शहर के कुछ तथातखित लोग ओवरलोड ट्रको को पास कराने में लग गए है जिससे ट्रक मालिकों के हौसले सातवे आसमान पर दिखने लगे हैं ,वही प्रशासन इस खेल से बेखबर नजर आ रहा है । खदान और ट्रक मालिक की सेटिंग से इनका ट्रक कही नहीं रोका जाता है, खदान मालिक ओवरलोड ट्रको को मंजिल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी लेते हैं ।
बताते चलें कि इस समय जनपद में इन दिनों जबरदस्त तरीके से ओवरलोड ट्रक निकल रहे है । खनिज विभाग पूरे मामले में लापरवाह बना हुआ है जिससे जनपद के नरैनी विधानसभा क्षेत्र और मध्य प्रदेश से आ रहे ओवरलोड ट्रक शहर के बीचो-बीच से रोजाना रात को निकलते हैं और जनपद की सड़कों को तहस-नहस करते हुए खुलेआम निकल रहे है । ओवरलोड रोकने के लिए खनिज डायरेक्टर रोशन जैकब ने बाँदा में कई बार छापेमार कार्यवाही भी की, यहाँ तक की मुख्यमंत्री ने भी इसपर रोक लगाने के कड़े निर्देश दिए थे पर यहाँ लोकसनबाजो की सटीक लोकेसन से आसानी से ओवरलोड ट्रको को जनपद की सीमा पार करा दिया जाता है । वही सूत्रों की माने तो जनपद के कुछ तथातखित लोग लोकेसन के खेल में उतर गए है जो की कुछ प्रशासनिक अधिकारियो से अपने करीबी सम्बन्धो का हवाले देते हुए ट्रको को सीमा पार कराने का बीड़ा उठाने में लग गए हैं ।
जनपद के गिरवा चौराहे से होते हुए बाँदा शहर के बीचोबीच अतर्रा चुंगी, बाबूलाल चौराहा, कालू कुआँ चौराहा, बाईपास से होते हुए ट्रक जनपद की सीमा को पार कर लेते है और खनिज अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियो की नजर इन ओवरलोड ट्रको पर नहीं पड़ती है । ये खेल रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक चलता है पर लोकसनबाजो के करम से आसानी से ट्रक निकल जाते हैं । ओवरलोड ट्रक जनपद से लगभग 80 किलोमीटर का सफर तय कर शहर के बीचोबीच से सीमा से बाहर चले जाते हैं पर जिले के किसी भी अधिकारी को ये ट्रक नजर नहीं आते है । प्रशासन की मंशा के बिना तो एक पत्ता भी नहीं हिल सकता पर लोकसनबाजो के नेटवर्क के आगे प्रशासन मौन धारण किये है जिससे कही ना कही मिलीभगत या लापरवाही के संकेत साफ़ नजर आते हैं । अब देखना यह होगा की जिलाधिकारी इस गोरखधंधे पर किस तरह रोक लगाते हैं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा ।
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