सीएसजेएमयू के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंस में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस में दो दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया।
कानपुर,अमन यात्रा ।छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल आफ हेल्थ साइंसेस में दो दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का विषय ‘‘मोबिलाइजेशन ऑफ पेरीफेरल ज्वाइंट एंड वर्टेब्रल कॉलम एड्रेसिंग मेटलैंड कांसेप्ट” रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि वर्तमान समय में स्पाइनल इंजरी एक आम बात हो गयी है, जिसका मुख्य कारण बाइक ड्राइविंग, बैठने का गलत तरीका, खराब जीवनशैली, व्यायाम न करना आदि है।
इस पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरुरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों का भी ज्ञान वर्धन होता है। कार्यशाला से छात्र-छात्राओं को अपने चिकित्सा के दौरान सहायता मिलेगी और वे स्पाइनल इंजरी के रोगियों का और बेहतर तरीके से निदान कर पायेंगे। मुख्य वक्ता प्रो. मनु गोयल, प्रधानाचार्य, एम.एम.आई.पी.आर., महर्षि मार्कण्डेश्वर डीम्ड यूनिवर्सिटी, अम्बाला, हरियाणा ने कहा कि मेटलैण्ड तकनीक को रटने की बजाय इसके सिद्धांत को समझना अधिक उपयुक्त होगा। अतः प्रत्येक प्रतिभागी को इसके सिद्धांतों को समझकर अपने व्यवसायिक जीवन में प्रयोग करने का प्रयास का प्रयास करना चाहिये।
संस्थान के निदेशक डॉ. दिग्विजय शर्मा ने इस तकनीक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह बहुत पहले से चिकित्सा जगत में प्रयोग में लायी जा रही है। उन्होंने बताया कि मेटलैण्ड कांसेप्ट एक टीम द्वारा विकसित की गयी एक तकनीक है, जिस टीम का नेतृत्व ‘ज्योफरे डगलस मेटलैण्ड’ द्वारा किया गया था, इसीलिए इस पद्धति को ‘मेटलैण्ड तकनीक’ के नाम से जाना जाता है।
उद्घाटन सत्र में संस्थान के सह निदेशक डॉ. मुनीश रस्तोगी ने अतिथियों का परिचय कराते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा रखी । सत्र का संचालन संस्थान की सहायक आचार्या आकांक्षा वाजपेयी ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षिका डॉ. वर्षा प्रसाद, चन्द्र शेखर कुमार, डॉ. के.के. पाण्डेय, हिना वैश, आदर्श कुमार श्रीवास्तव, डॉ. राम किशोर तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थित उल्लेखनीय रही।