कानपुर,अमन यात्रा । सीएसजेएमयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया लेखन स्किल्स डेवलपमेंट पर वैल्यू एडेड कोर्स के अंतर्गत सोमवार को दोनों सत्रों में मुख्य रिसोर्स पर्सन ऑल इण्डिया रेडियो लखनऊ की रेडियो जॉकी डॉ. अर्चना सविता रही। उन्होंने बताया कि रेडियो लेखन एक सृजनात्मक कार्य है। रेडियो एंकर बनने के लिये बोलने की कला के साथ-साथ जादुई आवाज़ का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो श्रोताओं को आकर्षित करने का एकमात्र माध्यम है। उन्होंनेे बताया कि रेडियो जॉकी बनने के लिये विषय का ज्ञान होना चाहिए। रेडियो जॉकी को कार्यक्रमों के अनुरूप स्क्रिप्ट लेखन आना चाहिए। साक्षात्कार आधारित रेडियो लेखन के दौरान श्रोताओं को बातचीत में शामिल करने से कार्यक्रम और अधिक रुचिकर हो जाता है। रेडियो जॉकी की सरल एवं सहज प्रस्तुति श्रोताओं को अधिक प्रभावित कर सकती है। रेडियो के लिये आवाज़ में मधुरता जरूरी है।
विभागाध्यक्ष डॉ योगेन्द्र कुमार पांडेय ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि रेडियो जॉकी एक मनोरम कला है, जो श्रोताओं को मनोरंजन के साथ साथ सूचनाएं प्रदान करने में सक्षम है। कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ. रश्मि गौतम ने कहा कि रेडियो लेखन के क्षेत्र में दक्षता हासिल करना चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि इसमें मौखिक तौर पर श्रोताओं को कहानी सुनाने का कार्य किया जाता है। रेडियो कार्यक्रमों की प्रस्तुति रुचिकर होनी चाहिए। मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने रिसोर्स पर्सन डॉ. अर्चना सविता का स्वागत एवं परिचय दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. अर्चना सविता रेडियो जॉकी के रूप में जानी जाती है। धन्यवाद ज्ञापन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिवाकर अवस्थी ने दिया। इस मौके पर विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. जितेन्द्र डबराल, डॉ ओम शंकर गुप्ता, सागर कनौजिया, प्रेम किशोर शुक्ला, मीडिया टीम एवं प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राएं ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।