योगी बने, निरोगी बने, उपयोगी बनें तथा सहयोगी बने, ये कहना है मोक्षायतन अंतराष्ट्रीय आश्रम के संस्थापक तथा पद्मश्री से सम्मानित प्रथम योग गुरु स्वामी भारत भूषण का
कानपुर,अमन यात्रा ।योगी बने, निरोगी बने, उपयोगी बनें तथा सहयोगी बने, ये कहना है मोक्षायतन अंतराष्ट्रीय आश्रम के संस्थापक तथा पद्मश्री से सम्मानित प्रथम योग गुरु स्वामी भारत भूषण का। उन्होंने ये बात छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित योग महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि कही। स्वामी भारत भूषण ने सीएसजेएमयू के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्कृष्ट शिक्षक कभी प्राप्त ज्ञान से संतुष्ट नहीं होते हैं और निरंतर नए ज्ञान की खोज में लगे रहते है। दुनिया को पहला विश्वविद्यालय, नालंदा भारत की देन थी। स्वामी जी ने बताया कि शब्द ‘‘गुरु’’ मूल रूप से एक योगी को संदर्भित करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि असाधारण व्यक्तित्व विकसित करने की क्षमता मात्र शिक्षक के पास ही होती है। गुरु ही है, जो किसी भी छात्र को राष्ट्रपति, डॉक्टर, इंजीनियर आदि बना सकता है। इस अवसर पर उन्होंने जिज्ञासुओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
कार्यक्रम में मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय आश्रम तथा सीएसजेएमयू के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि योग आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में शुरू हुआ, परन्तु अब शारीरिक और मानसिक सशक्तिकरण में अपनी उपयोगिता साबित कर जन-जन में लोकप्रियता हासिल की है। उन्होंने कहा कि सीएसजेएमयू द्वारा छात्रों को योगाभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु नए योग पाठ्यक्रम भी संचालित किये जा रहे है। प्रो. पाठक ने कहा कि योग को महायोग की तरफ ले जाने के लिए हम सभी को साथ मिलकर काम करने की जरुरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली तथा योग पर शोध के लिए विश्वविद्यालय पूरी तरह से तैयार है।
विशिष्ट अतिथि प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने स्वामी भारत भूषण का जीवन परिचय देते हुए उन्हें मानवता का अकिंचन सेवक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कृतित्व और व्यक्तित्व वाले शख्सियत संपूर्ण भारत के लिए एक वरदान है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक ने कहा कि योगाभ्यास सभी को नियमित रूप से करना चाहिए, इससे हमारी संज्ञानात्मक, आध्यात्मिक और शारीरिक क्षमताओं को ऊर्जा मिलती है। इस खास मौके पर वि.वि. द्वारा करायी गई 108 सूर्य नमस्कार प्रतियोगिता के 46 प्रतिभागियों को, योगासन खेल प्रतियोगिता के 74 प्रतिभागियों को और मासिक योग सत्र के 95 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और विजेताओं को पदक और ट्रॉफी देकर सम्मानित और उत्साहवर्धन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. राम किशोर ने किया। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. सुधांशु पांड्या, हेल्थ साइंस विभाग के निदेशक डॉ. दिग्विजिय शर्मा, शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार दुबे, प्रो. संजय स्वर्णकार, सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण तथा भारी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
विजेताओं के नाम-
योगासन खेलकूद प्रतियोगिता में 13 महाविद्यालयों एवं संस्थानों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिनमें एस.एन. सेन महाविद्यालय से भूमि, वि.वि. के शारीरिक शिक्षा विभाग से शुभी, योगेश, विनोद, रवि कुमार और तेजस्वी तथा हेल्थ साइंस से काजल और कंचन ने प्रथम स्थान हासिल किया। वि.वि के हेल्थ साइंसेज से आराधना यादव, डी.ए.वी कॉलेज से मानसी मिश्रा, कमलपारु और विक्रांत सिंह यू.आई.ई.टी से आशुतोष शुक्ला, टीचर एजुकेशन से अमरनाथ वर्मा तथा शारीरिक शिक्षा विभाग से बेबी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में वि.वि. के शारीरिक शिक्षा विभाग से श्रद्धा कटियार, पी.जी.कॉलेज से ज्योति सिंह, डी.ए.वी कॉलेज से प्रियंका सेंगर, हेल्थ साइंस से प्रखर सचान तथा डी.ए.वी कॉलेज से रितेश कनौजिया ने तृतीय स्थान हासिल किया।