सुप्रीम फैसला: किन शिक्षकों को देनी होगी टेट परीक्षा? जानें कोर्ट के फैसले का किन पर होगा असर
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है जिससे देशभर के शिक्षकों और शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों पर सीधा असर पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है जिससे देशभर के शिक्षकों और शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों पर सीधा असर पड़ेगा। अदालत ने कहा है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करना अब नियुक्ति, नौकरी में बने रहने और प्रमोशन तीनों के लिए जरूरी होगा। अब सवाल यह है कि यह नियम किन शिक्षकों पर लागू होगा और किसे छूट मिलेगी? आइए इसे बिंदुवार शिक्षक हिमांशु राणा और संवाददाता राजेश कटियार के बीच हुए साक्षात्कार से समझते हैं…
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद बनी परिस्थितियों को देखते हुए संवाददाता राजेश कटियार ने शिक्षक हिमांशु राणा से बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े सभी मुद्दों पर वार्ता की जिसमें उन्होंने सभी पहलुओं पर उनके प्रश्नों का उत्तर दिया।
प्रश्न 1 – सर्वोच्च न्यायालय के बाद अब क्या हो सकता है ?
हिमांशु – निर्णय हो गया है और ये निर्णय देशव्यापी है केंद्र सरकार को अविलंब शिक्षकों की परिस्थितयों को देखते हुए एक्ट लागू होने से पूर्व के शिक्षकों को टीईटी परीक्षा से छूट देने हेतु संसद से संशोधन करना चाहिए कि ऐसे शिक्षक जिन्होंने एक्ट लागू होने से पूर्व में नियुक्ति ली है उन्हें टीईटी से छूट मिले और अगर प्रमोशन चाहते हैं तो टीईटी की अनिवार्यता हो।
प्रश्न 2 – कोर्ट कुछ राहत दे सकती है ?
हिमांशु – कोर्ट राहत दे चुकी है कि पांच साल से जिसकी कम नौकरी है उसको टीईटी नहीं करनी होगी पांच वर्ष से अधिक की नौकरी शेष है तो उन्हें टीईटी करनी होगी। सरकार और एनसीटीई की तरफ से वकील खड़े थे उन्हें तभी इसका विरोध करना चाहिए था लेकिन न जाने कब संशोधन कर दिया सरकार ने और राज्य सरकारों ने इसका जिक्र आजतक नहीं किया। अब तो यही है कि केंद्र सरकार स्वयं संशोधन करे और कोर्ट में रिव्यु के माध्यम से अवगत करवाकर शिक्षकों को राहत दे। बाकी अभ्यर्थी भी हैं तो बमुश्किल उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि कोर्ट ने खुद के निर्णय में 2017 में हुए संशोधन से केंद्र को ही जिम्मेदार बताया था।
प्रश्न 3 – पदोन्नत्ति का क्या मसला है ?
हिमांशु – बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापक संवर्ग में प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक से प्राथमिक के हेड शिक्षक या उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक बनने के लिए पदोन्नत्ति होती है जोकि वर्तमान राज्य सरकार ने लगभग एक दशक से नहीं की है। राज्य सरकार ने एनसीटीई के नियमों के अनुसार अभी बेसिक शिक्षा नियामवली 1981 जिससे शिक्षक की नियुक्ति पदोन्नत्ति आदि निर्णीत होती हैं उनमे भी संशोधन नहीं किया है। लगभग 2023 के अंत में राज्य सरकार ने नियमों को दरकिनार करके पदोन्नत्ति की कोशिश की जिसको मैंने उच्च न्यायालय लखनऊ में चुनौती दी जिस पर कोर्ट ने पात्र अभ्यर्थी यानि जिन्होंने टीईटी उत्तीर्ण कर रखी है उन्हें पदोन्नत्त करने के लिए कहा था लेकिन राज्य सरकार ने आज तक इस पर कुछ नहीं किया इसी बीच अन्य राज्य जैसे महाराष्ट्र और तमिलनाडु का एक मसला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा था जिसमे स्पष्ट कह दिया है कि पदोन्नत्ति हेतु शिक्षकों को टीईटी अनिवार्य रूप से करना ही होगा।
प्रश्न 4 – समायोजन क्या है ऐसा विभाग में तो पहले कभी नहीं देखा ?
हिमांशु – समायोजन एक साजिश है जिससे शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। कभी कनिष्ठ को कभी वरिष्ठ को इधर से उधर करते रहते हैं बस फिर भी न तो इनका छात्र शिक्षक अनुपात ठीक होता है और न ही कुछ सुखद परिणाम मिलता है। अभी हाल ही में हुए समायोजन से हेड शिक्षकों को बिना न्यूनतम अहर्ता के उच्च प्राथमिक का सहायक बना दिया गया जोकि नियमों के विरुद्ध है इसको लेकर हाल ही में एक याचिका उच्च न्यायालय में मेरे द्वारा डाली गई है जिसमे यही मांग है कि आरटीई के अनुसार शिक्षकों के पद भरे जाएं और हेड को उनके पदों पर वापसी की जाए और नियम से पदोन्नत्ति हो।
प्रश्न 5 – मर्जर मामले में क्या चल रहा है ?
हिमांशु – सरकार ने एक्ट की नियमावली के अनुसार निर्णय तो लिया है जिसको कोर्ट में कह भी दिया है लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि विद्यालयों की दूरी की नपाई मनमाने तरीके से की जा रही है जिससे अभिभावक और अन्य लोगों को सचेत रहना होगा हालांकि कोर्ट से इनका 16 जून का शासनादेश खारिज करवाने की मांग है जिसको लेकर समस्त तैयारियां कर ली हैं।
प्रश्न 6 – टीईटी से लगभग कितने शिक्षक प्रभावित होंगे ?
हिमांशु – टेट परीक्षा से यूपी में करीब 2 लाख और देश में करीब 10 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे इसलिए मेरा मानना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द निर्णय ले और यथोचित संशोधन करके समस्या का निवारण करे।
प्रश्न 7 – जो शिक्षक प्राथमिक स्तर का टीईटी पास हैं तो क्या प्राइमरी में उनका प्रमोशन प्रधानाध्यापक के पद पर हो सकता है या उसे उच्च प्राथमिक स्तर की टेट परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी ?
हिमांशु – जी हां, प्राइमरी में प्रमोशन के लिए प्राथमिक स्तर और अपर प्राइमरी में प्रमोशन के लिए अपर प्राइमरी स्तर की टेट परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
प्रश्न 8 – यूपी में कुल कितने स्कूल मर्ज किए गए हैं?
हिमांशु – यूपी में करीब 27000 स्कूल अभी हाल ही में मर्ज किए गए हैं इसके पूर्व में करीब 26000 स्कूलों को जूनियर स्कूलों में मर्ज करके कंपोजिट विद्यालय बनाए गए थे जिनमें शिक्षकों की उपलब्धता की बात कही गई थी किंतु वहां पर प्राथमिक के अध्यापक से जूनियर के बच्चों का शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है जोकि नियमत: गलत है। विभाग द्वारा एनसीटीई द्वारा तय किए गए नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
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