अमन यात्रा ,जालौन उरई। तहसीलदार की अध्यक्षता में नगर में सेठ वीरेंद्र कुमार महाविद्यालय व स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज बाढ़ आपदा प्रबंधन पखवाड़ा मनाया गया। जिसमें बाढ़ के कारण और बचाव के उपायों पर चर्चा की गई।
तहसीलदार बलराम गुप्ता ने कहा कि बाढ़ प्राकृतिक प्रकोपों में सबसे अधिक विश्वयापी है। अधिक वर्षा के कारण जब वर्षा जल अपने प्रवाह मार्ग (नदी, नाला) से न बहकर आस-पास के क्षेत्रों में फैल जाता है तो वह बाढ़ का रूप धारण कर लेता है।
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अनेक कारणों से बाढ़ क्षेत्रों में भी मानव रहने के लिए विवश है। बाढ़ विपदा से मनुष्य को जूझना ही पड़ता हैं और हानि को स्वीकार करना पड़ता है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक संकट है। यह संकट मानवजन्य भी हैं इससे निपटने के लिए त्वरित उपायों के लिये आपदा प्रबन्धन संस्था की स्थापना आवश्यक है। ताकि बचाव और राहत प्रभावित क्षेत्रों को समय से प्रदान किया जा सके। बाढ़ से निपटने के लिये पूर्व से ही तैयारी कर लेनी चाहिए। नदी, नालों द्वारा किए गए भूमि कटाव जैसे स्थायी नुकसान को रोकने के लिये तटबंधों का निर्माण कर लेना चाहिए। जहां नाले नालियां चोक हों उनकी सफाई कर लेनी चाहिए। क्योंकि चोक नालों से पानी का बहाव रूक जाता है और पानी आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है। अधिक से अधिक पौधों का रोपण करना चाहिए। क्योंकि वह भी पानी के बहाव को रोकते हैं। इन उपायों को अपनाकर काफी हद तक नुकसान को कम किया जा सकता है। इस मौकेपर नितिन मित्तल, राजकुमार आदि मौजूद रहे।
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