यूवी लैंप से मेट्रो का सैनिटाइज

मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होगा, उस दिन से अल्ट्रा वायलेट (यूवी) लैंप से ट्रेनों को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद जब मेट्रो का कामर्शियल संचालन शुरू होगा, उस समय इसके टोकन भी सुरक्षा मानकों से गुजरकर दोबारा यात्रियों के हाथों में पहुंचेंगे। इसमें जब टोकन जमा होंगे तो उसे दोबारा काउंटर पर देने से पहले सैनिटाइज किया जाएगा।

यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने विकसित की तकनीक

यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने ट्रेन को सैनिटाइज करने की तकनीक खुद विकसित की और देश में पहली बार लखनऊ में इसका प्रयोग किया गया। अधिकारियों के अनुसार मात्र 30 मिनट में पूरी ट्रेन को सैनिटाइज किया जा सकता है। सोडियम हाइपोक्लोराइड की तुलना में यूवी लैंप से ट्रेन व टोकन को सैनिटाइज करने की लागत काफी कम है। इससे ढाई फीसद के करीब खर्च आएगा, यह पूरी प्रक्रिया रिमोट कंट्रोल से संचालित होती है।

कैसे काम करता है यूवी लैंप

मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक यूवी लैंब 254 नैनो-मीटर तक की शॉर्ट वेवलेंथ वाली अल्ट्रा वॉयलेट-सी किरणों से ना दिखने वाले वायरस को बी खत्म कर देता है। इसे रिमोट से संचालित किया जाता है और एक मिनट में ही इसकी किरणें निकलना शुरू हो जाती हैं।