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अमन यात्रा, कानपुर देहात। सोशल मीडिया पर सक्रियता जहां एक ओर सकारात्मक है तो वहीं दूसरी ओर नकारात्मक भी। सोशल मीडिया में प्रसारित भ्रामक सूचनाओं के कारण विभागीय कर्मचारी और अधिकारी असमंजस में पड़ जाते हैं, वहीं विभागीय गतिविधियों में गतिरोध होता है।
सोमवार को परिषदीय विद्यालयों में निपुण एसेसमेंट परीक्षा शुरू होने वाली थी कि झींझक विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय झींझक में कार्यरत सहायक अध्यापक मनजीत सिंह ने बीआरसी स्तर पर संचालित शिक्षकों के ग्रुप में निपुण एसेसमेंट परीक्षा के निरस्त होने की सूचना डाल दी और उन्होंने अपने मैसेज में लिखा कि अभी कुछ समय पश्चात बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा लिखित आदेश जारी कर दिया जाएगा। मैसेज पढ़ते ही शिक्षकों ने परीक्षा रोक दी। शिक्षक एआरपी एवं खंड शिक्षा अधिकारी को इस खबर की पुष्टि करने के लिए लगातार फोन करने लगे। खंड शिक्षा अधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त की तो उन्होंने निर्धारित समय सीमा के तहत ही परीक्षा संचालित करने के निर्देश दिए।
नैट परीक्षा निरस्त की झूठी खबर प्रसारित करने के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी प्रियंका चौधरी ने शिक्षक मनजीत सिंह को नोटिस जारी की है साथ ही दो दिवस के अंदर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने नोटिस में स्पष्ट किया है कि शिक्षक के इस कृत्य से न केवल परीक्षा की सुचिता भंग हुई है, बल्कि अध्यापकों को गुमराह करते हुए सरकारी कार्य में बाधा पहुँचायी गयी है। इससे विभाग की छवि भी धूमिल हुई है। आपका उक्त कृत्य अध्यापक सेवा नियमावली के विपरीत एवं दण्ड योग्य है।गयी। आपका उक्त कृत्य अध्यापक सेवा नियमावली के विपरीत एवं दण्ड योग्य है । उक्त के सम्बन्ध में आज ही दो प्रतियों में अपना सुस्पष्ट साक्ष्य सहित लिखित स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। तर्क संगत स्पष्टीकरण प्राप्त न होने की स्थिति में उच्चाधिकारियों को विभागीय कार्यवाही हेतु अवगत करा दिया जायेगा जिसके लिए आप स्वयं उत्तरदायी होंगे।
इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी प्रियंका चौधरी नहीं बताया कि निपुण एसेसमेंट परीक्षा शुरू होने वाली थी कि शिक्षक मनजीत सिंह ने बीईओ झींझक शिक्षक ग्रुप पर गैर जिम्मेदाराना सन्देश भेज दिया जिसमें लिखा था कि निपुण परीक्षा निरस्त कर दी गई है। विभागीय ग्रुप पर अनाधिकृत रूप से सन्देश प्रेषित करने के कारण शिक्षकों के मध्य भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई और शिक्षक लगातार हमें फोन करने लगे। मेरे द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी से खबर की पोस्ट की गई तो पता चला कि परीक्षा का संचालन तो निश्चित समय के अंतर्गत ही किया जाना है। सोशल प्लेटफॉर्म पर गलत खबरों को प्रसारित करने, बिना तथ्यों के आधार पर बयानबाजी करने व विभाग की छवि धूमिल करने, सरकारी कर्मचारी नियमावली का उल्लंघन करने और अपने पद के दायित्वों का निर्वहन न करने के आरोप के चलते स्पष्टीकरण तलब किया है। संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त न होने की स्थिति में अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
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