सोशल मीडिया पर फूट रहा नीट अभ्यर्थियों का गुस्सा, पेपर रद्द करने की मांग हुई तेज
नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद से ही ट्विटर पर हंगामा खड़ा हो गया है। नीट पेपर रद्द करो का हैशटैग X (ट्विटर) पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है। परिणाम आने के बाद से ही यह परीक्षा शक के दायरे में आ गई है। आइए देखते हैं ट्विटर पर कैंडिडेट्स क्या आरोप लगा रहे हैं। नीट यूजी 2024 का परिणाम जारी किए जाने के बाद विद्यार्थियों-अभिभावकों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है
कानपुर देहात। नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद से ही ट्विटर पर हंगामा खड़ा हो गया है। नीट पेपर रद्द करो का हैशटैग X (ट्विटर) पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है। परिणाम आने के बाद से ही यह परीक्षा शक के दायरे में आ गई है। आइए देखते हैं ट्विटर पर कैंडिडेट्स क्या आरोप लगा रहे हैं। नीट यूजी 2024 का परिणाम जारी किए जाने के बाद विद्यार्थियों-अभिभावकों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है। इन्होंने एजेंसी की मार्किंग प्रक्रिया में खामी होने का आरोप लगाया है। मोशन एजुकेशन के संस्थापक व सीईओ नितिन विजय ने एक्स पर बताया कि नीट यूजी परीक्षा में एक प्रश्न चार अंक का था लेकिन कई विद्यार्थियों के परिणाम में 720 में से 718 व 719 अंक दिए गए है जो तार्किक रूप से संभव नहीं हैं वहीं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र राजेश कटियार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली हुई है इसे निरस्त किया जाए। उन्होंने लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी सर्व विदित है कि इस वर्ष 5 मई को राष्ट्रीय स्तर पर नीट परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसका परिणाम 4 जून को घोषित किया गया।
इस परीक्षा में हुई कुछ गंभीर अनियमितताओं की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं जिनके कारण देश के हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है तथा पढ़ने वाले होनहार छात्र मानसिक अवसाद की स्थिति में हैं – पांच मई को देश के विभिन हिस्सों से पेपर लीक की खबरे आई थी। बिहार, गुजरात एवं राजस्थान के सवाई माधोपुर में पेपर लीक की घटना हुई थी। कुछ अन्य राज्यों में पेपर लीक गिरोह की गिरफ्तारियां भी हुई मगर एनटीए ने बिना जांच के पेपर लीक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।चार जून को एनटीए ने यह जानकारी दी कि उसने वर्ष 2018 के एक सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाकर छात्रों को परीक्षा स्थल पर समय खराब होने के एवज में ग्रेस मार्क्स दिए हैं जबकि नीट 2024 के इनफॉर्मेशन बुकलेट में अथवा किसी अन्य विज्ञप्ति में ग्रेस मार्क्स के प्रावधान की कोई जानकारी कहीं पर भी कभी नहीं दी गई।
जानकारी में आया है कि इस वर्ष नीट के इतिहास में प्रथम बार छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। उपरोक्त लिखित तथ्यों के कारण इस वर्ष नीट में बहुत अच्छा स्कोर करने वाले छात्रों को भी मेरिट में इतना पीछे स्थान मिला है कि उन्हें एमबीबीएस में प्रवेश मिलने की कोई संभावना नहीं है जबकि ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्र मेरिट में ऊपर चले गए हैं। उदाहरण के तौर पर वर्ष 2023 में 648 अंक पर जहां एआईआर सात हजार पांच सौ था वहीं इस वर्ष इस स्कोर पर रैंक इकतीस हजार से भी अधिक है। पिछले वर्ष जहां मात्र दो छात्रों ने 720/720 स्कोर किया था वहीं इस वर्ष 720/720 पाने वाले छात्रों की संख्या 67 है जोकि एक एतिहासिक एवं अविश्वसनीय रिकॉर्ड है। एनटीए द्वारा जारी की गई प्रथम सौ छात्रों की सूची में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि बहुत से राज्यों में एक ही सेंटर से कई छात्रों ने 720/720 अंक प्राप्त किए हैं। हरियाणा के एक सेंटर से आठ छात्र प्रथम सौ छात्रों की सूची में हैं जिनमे से 6 छात्रों ने 720/720 अंक प्राप्त किए हैं जोकि नीट के इतिहास में अप्रत्याशित घटना है।
एनटीए ने इन्हीं अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए तथा मीडिया ब्रीफिंग से बचने के लिए निर्धारित तिथि से दस दिन पूर्व 4 जून को नीट का परिणाम घोषित किया ताकि मीडिया का ध्यान इस पर न जाए क्योंकि चार जून को देश का मीडिया आम चुनाव के समाचारों में व्यस्त था। परिणाम प्रकाशित करते समय भी प्रथम बार प्रकाशित परिणाम में प्रथम सौ छात्रों के अंक दिखाए गए थे लेकिन उस सूची को तुरंत हटाकर बिना अंक वाली सूची को प्रकाशित किया गया। पहली बार प्रकाशित सूची के माध्यम से ही छात्रों को जानकारी मिली कि कुछ छात्रों को एनटीए द्वारा 718, 719 अंक भी दिए गए हैं जोकि तकनीकी रूप से संभव नहीं था। इसके जवाब में ही एनटीए ने ग्रेस मार्क्स दिए जाने की जानकारी दी जो अचंभित किए जाने वाला था। उपरोक्त सभी तथ्यों के आधार पर मेरी मांग है कि देश के हजारों छात्रों की पीड़ा को देखते हुए सरकार इस प्रकरण में उचित कार्यवाही करते हुए नीट 2024 परीक्षा एवं उसके परिणाम की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाए ताकि हजारों छात्रों को न्याय मिले। जब तक स्वतंत्र एजेंसी से पूरी जांच न हो जाए तब तक काउंसलिंग पर रोक लगे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो हजारों छात्रों का देश की व्यवस्था से विश्वास उठ जायेगा।