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प्रत्येक माह 10 परिषदीय स्कूलों के मिड डे मील की होगी प्रयोगशाला में जांच

परिषदीय स्कूलों में मिड-डे-मील की गुणवत्ता में लापरवाही बरतना अब शिक्षकों को भारी पड़ेगा। बच्चों को पोषणयुक्त खाना मुहैया कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब नई व्यवस्था लागू की है जिसमें बच्चों को भोजन कराने के बाद स्कूल बंद होने तक नमूना सुरक्षित रखना होगा।

अमन यात्रा , लखनऊ  : परिषदीय स्कूलों में मिड-डे-मील की गुणवत्ता में लापरवाही बरतना अब शिक्षकों को भारी पड़ेगा। बच्चों को पोषणयुक्त खाना मुहैया कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब नई व्यवस्था लागू की है जिसमें बच्चों को भोजन कराने के बाद स्कूल बंद होने तक नमूना सुरक्षित रखना होगा। खास बात यह है कि हर माह जिले के 10 स्कूलों के एमडीएम के नमूने की जांच प्रयोगशाला से कराई जाएगी।

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जिले में 1926 परिषदीय विद्यालय हैं  जिसमें करीब 1 लाख 77 हजार बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय में पठन पाठन के साथ दोपहर में गुणवत्तायुक्त मिड डे मील की भी व्यवस्था रहती है मगर मिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर आए दिन शिकायतें आती रहती हैं। इसे लेकर विभाग अब सख्त हुआ है।

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विद्यालय में मिड डे मील का नमूना विद्यालय बंद होने तक सुरक्षित रखना होगा। प्रति माह जिले के 10 विद्यालयों के नमूने की प्रयोगशाला में जांच होगी। इसके अलावा खाने को रोस्टर के मुताबिक कम से कम अध्यापक, अध्यापिका, रसोइयां, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य भोजन को पहले खाकर जांचेंगी। भोजन की गुणवत्ता संतोषजनक होने पर ही बच्चों को वितरित कराया जाएगा। विद्यालय स्तर पर भोजन चखने के लिए दिवसवार रोस्टर तैयार किया जायेगा।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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