15वें वित्त आयोग की बैठक में जिलाधिकारी की सख्ती, लापरवाही पर अधिकारियों को फटकार और नोटिस
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के 15वें वित्त आयोग की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति को लेकर बैठक आयोजित हुई।

- इंटरलॉकिंग निर्माण प्रस्तावों में अनियमितता पर जितेंद्र प्रताप सिंह ने दिए कार्रवाई के निर्देश
कानपुर नगर। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के 15वें वित्त आयोग की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति को लेकर बैठक आयोजित हुई। इस दौरान प्रस्तावों की समीक्षा में कई अनियमितताएं सामने आईं, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक में इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य के बजट में बदलाव पर चर्चा हुई। पहले 38 लाख रुपये का बजट अब 20 लाख रुपये प्रस्तावित किया गया। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अनूप कुमार ने बताया कि तीन माह पहले पीडब्ल्यूडी द्वारा दरों में संशोधन के कारण यह अंतर आया, जिसमें 925 रुपये प्रति स्क्वायर फिट की दर को घटाकर 670 रुपये कर दिया गया। हालांकि, बिल्हौर नगर पालिका के प्रस्ताव में पुरानी दर 925 रुपये ही लगाई गई, जिसे लेकर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई।
समीक्षा के दौरान घाटमपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) द्वारा 240 मीटर लंबे इंटरलॉकिंग कार्य को 40 मीटर छोड़कर दो हिस्सों (100-100 मीटर) में प्रस्तावित करने पर भी सवाल उठे। ईओ ने बताया कि सड़क दो वार्डों में पड़ती है, इसलिए इसे दो भागों में बांटा गया। जिलाधिकारी ने इसे गलत ठहराते हुए एकसाथ पूरी सड़क का प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया और ईओ को फटकार लगाई। उन्होंने अपर जिलाधिकारी (नगर) राजेश कुमार को ईओ घाटमपुर का स्पष्टीकरण लेने और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा।
बिल्हौर में पुरानी दरों पर प्रस्ताव, कार्रवाई के आदेश
जिलाधिकारी ने बिल्हौर के अधिशासी अधिकारी अंजनी मिश्रा के प्रस्ताव में पुरानी दरों पर प्राक्कलन तैयार करने को गंभीर लापरवाही माना। इसके लिए अवर अभियंता मनोज सिंह, सहायक अभियंता अनुपम तिवारी और तकनीकी परीक्षण में ढिलाई बरतने वाले अधिशासी अभियंता खंडेश्वर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु शासन को पत्र भेजने का निर्देश दिया। साथ ही, ईओ बिल्हौर को कारण बताओ नोटिस जारी करने और सभी प्रस्तावों का विस्तृत परीक्षण कर पुनः प्रस्तुत करने को कहा।
इन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
बैठक में लापरवाही के लिए निम्न अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की गई:
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- बिल्हौर नगर पालिका: पुरानी दरों पर प्राक्कलन बनाने के लिए अवर अभियंता मनोज सिंह, सहायक अभियंता अनुपम तिवारी और अधिशासी अभियंता खंडेश्वर सिंह के खिलाफ शासन को पत्र।
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- ईओ घाटमपुर डॉ. महेंद्र कुमार: कार्य योजना ठीक से न बनाने के लिए कारण बताओ नोटिस।
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- घाटमपुर सत्यापन कमेटी: उप जिलाधिकारी घाटमपुर, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी और जल निगम को सत्यापन में लापरवाही के लिए नोटिस।
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- जलकल नगर निगम: अधिशासी अभियंता पीके सिंह और अवर अभियंता राकेश कुमार को प्राक्कलन में त्रुटि के लिए नोटिस।
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- ईओ बिल्हौर अंजनी मिश्रा और ईओ शिवराजपुर: प्रस्ताव बिना परीक्षण के प्रस्तुत करने के लिए नोटिस।
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- बिल्हौर-शिवराजपुर सत्यापन कमेटी: सदस्यों को कारण बताओ नोटिस।
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- ईओ बिठूर: तकनीकी परीक्षण न कराने के लिए नोटिस।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कमेटी के हस्ताक्षर करने वाले सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह बैठक 15वें वित्त आयोग की कार्य योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक कड़ा कदम साबित हुई।
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