स्कूलों में सुरक्षा उपायों का कितना हो रहा अनुपालन का मांगा गया ब्यौरा
सुबह-सुबह अपने बच्चों को स्कूल के लिए भेजते वक्त हर माता-पिता की आंखों में बच्चे के सुनहरे भविष्य का सपना होता है। बच्चे को स्कूल की बस पर चढ़ाते वक्त या स्कूल के गेट पर अपने बच्चे को छोड़ते वक्त उन्हें इस बात का भरोसा होता है कि उनका बच्चा एक ऐसी जगह जा रहा है जहां उसे घर से ज्यादा सुरक्षा मिलेगी। जहां वो खेलकुद और कुछ नया सीखेगा।

अमन यात्रा, कानपुर देहात : सुबह-सुबह अपने बच्चों को स्कूल के लिए भेजते वक्त हर माता-पिता की आंखों में बच्चे के सुनहरे भविष्य का सपना होता है। बच्चे को स्कूल की बस पर चढ़ाते वक्त या स्कूल के गेट पर अपने बच्चे को छोड़ते वक्त उन्हें इस बात का भरोसा होता है कि उनका बच्चा एक ऐसी जगह जा रहा है जहां उसे घर से ज्यादा सुरक्षा मिलेगी। जहां वो खेलकुद और कुछ नया सीखेगा। कुछ ऐसा जिससे उसका भविष्य बनेगा लेकिन कभी कभार कुछ स्कूलों से ऐसी घटनाएं सामने आ जाती हैं जो अभिभावकों को सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं। ऐसी घटनाओं को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान में लिया है।
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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने विद्यालय परिसर में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था, देखभाल और उनके साथ होने वाले व्यवहार आदि को लेकर कई दिशा-निर्देश दिए हैं। इन्हें लागू करने के संबंध में जिलों को पूर्व में ही निर्देश जारी किए गए थे। अब निर्देशों के लागू होने की स्थिति की जानकारी निर्धारित फॉर्मेट पर मांगी गई है।
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आयोग के निर्देश पर सुरक्षा उपायों की स्थिति पता करने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने सभी बीएसए को पत्र भेजकर सात दिन में पूरा ब्योरा देने के निर्देश दिया हैं। इसमें पहली से आठवीं तक के परिषदीय, प्राइवेट, कान्वेंट सभी स्कूल शामिल हैं।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि निदेशक का पत्र आया है। खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों से शपथ पत्र लेकर सूचना देने के लिए कहा गया है। एक सप्ताह में रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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