स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद बोले, अफरशाही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर दें ध्यान
शिक्षाधिकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता पर ध्यान दें। निरीक्षण के नाम पर अफसरशाही न दिखाएं। लेने और देने दोनों की व्यवस्था खत्म करें। अगर कोई बीएसए, बीईओ या बाबू किसी शिक्षक का शोषण करता है तो शिक्षक उसकी सूचना हमें तुरंत प्रदान करें।
- अब शिक्षकों का शोषण नहीं होगा बर्दाश्त
- शोषण करने वाले अधिकारी की दे सूचना, नाम रखा जाएगा गुप्त, की जाएगी सख्त कार्यवाही
कानपुर देहात, अमन यात्रा : शिक्षाधिकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता पर ध्यान दें। निरीक्षण के नाम पर अफसरशाही न दिखाएं। लेने और देने दोनों की व्यवस्था खत्म करें। अगर कोई बीएसए, बीईओ या बाबू किसी शिक्षक का शोषण करता है तो शिक्षक उसकी सूचना हमें तुरंत प्रदान करें। यह बातें स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने शिक्षक संगठन के नेताओं के साथ बैठक में कहीं साथ ही
निम्नांकित महत्वपूर्ण बातें भी कहीं-
1-संगठन के पदाधिकारी अपने विद्यालय में एजुकेशन लीडर के तौर पर कार्य करें और पठन पाठन पर जोर दें।
2-विद्यालय में अध्यापकों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाये।
3-विद्यालय में समय सारणी का पालन हो।
4-विद्यालय का हेड टीचर अध्यापन कार्य करके नजीर पेश करें और अपने वर्षों के अनुभव को अध्यापन कार्य में शामिल करें जिससे स.अ.भी प्रेरित हों।
5-सुनने में आता है कि विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक विद्यालय में टाइम पास करते हैं और अध्यापन कार्य से बचते हैं। अध्यापन कार्य सबके लिए अनिवार्य है प्रधानाध्यापक को और अधिक कार्य करना होगा।
6-सभी अध्यापक शैक्षणिक कार्य पर फोकस करें, अन्य कार्य बाद में करें।
7-निपुण लक्ष्य की जिम्मेदरी हेड टीचर की है सभी उनका सहयोग करें।
8-अब सभी कार्य ऑनलाइन हो गए हैं इसलिए किसी प्रकार की पैरवी और घूस की संकृति खत्म होनी चाहिए।
9-बीईओ या बीएसए कार्यालय से अगर किसी भी प्रकार का शोषण किया जाता है तो मुझे सीधे लिखें और फोन करें, नाम गुप्त रखा जायेगा और दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी और जेल भेजा जायेगा।
10-कोई भी बिचौलिया या शिक्षक अगर दलाली करते पाया जायेगा तो ऐसी कार्रवाही होगी कि उसका जीवन चौपट हो जायेगा।
11-निरीक्षण और जाँच के नाम पर शिक्षकों का शोषण न हो। यदि किसी भी बीएसए, एबीएसए, एसआरजी, एआरपी, शिक्षक संकुल या प्रधानाध्यापक ने शिक्षकों का शोषण किया तो उन पर शख्त कार्यवाही होगी।
12-शैक्षणिक कार्य छोड़कर अधिकारियों के आगे पीछे घूमने और जी हुजूरी करने वाले शिक्षकों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
13-जो भ्रष्ट और कामचोर हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाही होगी और जो ईमानदार और अध्यापन कार्य में रूचि रखने वाले शिक्षक हों, उनको विभाग विशेष सम्मान दे और विशेष सुविधाएं दें इससे लोगों में एक सकारात्मक संदेश जायेगा।